
कोरोना (corona) की तीसरी लहर के संकेत के बीच देश में पहली बार बच्चों का कोरोना वैक्सीनेशन (Vaccination) आज से शुरू हो रहा है. इस कड़ी में सबसे पहले 15-18 साल की उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन होगा. इस एज ग्रुप के लिए भारत बायोटेक कंपनी की कोवैक्सीन (Covaxin) को मंजूरी दी गई है. वहीं, वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक (Bharat biotech) ने दावा है कि उसकी वैक्सीन का प्रभाव बच्चों पर अच्छा है. ट्रायल के बाद इस वैक्सीन को बच्चों के लिए ‘बेहद सुरक्षित’ पाया गया है. बच्चों में व्यस्कों की तुलना में औसतन 1.7 गुना ज्यादा एंटीबॉडीज बनने की बात कही गई है. वैक्सीनेशन के लिए 1 जनवरी से रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हो चुकी है. साथ ही अपॉइंटमेंट ऑनलाइन या ऑनसाइट भी बुक किए जा सकते हैं. बच्चों को अभी कोवैक्सीन लगाई जाएगी. जायडस कैडिला की जायकोव-डी (Zycov-D) को 20 अगस्त को ही मंजूरी मिल गई थी. लेकिन इसे अभी वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल नहीं किया गया है. ये वैक्सीन 12 साल से ऊपर के लोगों को दी जाएगी.
कोरोना (corona) की तीसरी लहर के संकेत के बीच देश में पहली बार बच्चों का कोरोना वैक्सीनेशन (Vaccination) आज से शुरू हो रहा है. इस कड़ी में सबसे पहले 15-18 साल की उम्र के बच्चों का वैक्सीनेशन होगा. इस एज ग्रुप के लिए भारत बायोटेक कंपनी की कोवैक्सीन (Covaxin) को मंजूरी दी गई है. वहीं, वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक (Bharat biotech) ने दावा है कि उसकी वैक्सीन का प्रभाव बच्चों पर अच्छा है. ट्रायल के बाद इस वैक्सीन को बच्चों के लिए ‘बेहद सुरक्षित’ पाया गया है. बच्चों में व्यस्कों की तुलना में औसतन 1.7 गुना ज्यादा एंटीबॉडीज बनने की बात कही गई है. वैक्सीनेशन के लिए 1 जनवरी से रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हो चुकी है. साथ ही अपॉइंटमेंट ऑनलाइन या ऑनसाइट भी बुक किए जा सकते हैं. बच्चों को अभी कोवैक्सीन लगाई जाएगी. जायडस कैडिला की जायकोव-डी (Zycov-D) को 20 अगस्त को ही मंजूरी मिल गई थी. लेकिन इसे अभी वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल नहीं किया गया है. ये वैक्सीन 12 साल से ऊपर के लोगों को दी जाएगी.
पूरी प्रक्रिया में सबसे पहले बच्चों को अपने cowin app पर किया गया रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्रेशन डेस्क पर दिखाना पड़ेगा. इसके बाद बिलिंग डेस्क पर जाकर वहां से बिल लिया जाएगा. और फिर बिल लेकर बच्चों के माता-पिता के साथ वैक्सीनेशन जोन में जाएंगे. वैक्सीनेशन जोन में सबसे पहले बच्चों का vital test किया जाएगा. इस वाइटल टेस्ट में बच्चों की बेसिक हेल्थ यानी कि उनकी हाइट, उनका वजन और ब्लड प्रेशर इत्यादि चेक किया जाएगा. सब कुछ सही होने के बाद बच्चों से एक कंसेंट फॉर्म भरवाया जाएगा. इसके बाद एक डिक्लेरेशन फॉर्म भी भरवाया जाएगा जिसमें उन्हें पूछा जाएगा कि उन्हें किसी तरह की कोई कॉम्प्लिकेशंस या बीमारी तो नहीं है? यदि ऐसा कुछ होता है तो बच्चों को सबसे पहले चाइल्ड स्पेशलिस्ट के पास पीडियाट्रिक्स जोन में भेजा जाएगा. इस जोन में चाइल्ड स्पेशलिस्ट बच्चों को कंसल्ट करेंगे और उन्हें वैक्सीनेशन को लेकर आगे किस तरह की प्रक्रिया फॉलो करनी है? वह बताएंगे.
इसके बाद कोवैक्सीन रूम में भेजा जाएगा. कोवैक्सीन जोन में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ बच्चों को समझाएंगे कि बच्चों को कौन-सी वैक्सीन लगनी है, किस तरह से उन्हें अपना ध्यान रखना है, और बेसिक covid प्रोटोकॉल का पालन किस तरह से किया जाना है. यह सब समझाने के बाद उन्हें वैक्सीन का पहला डोज दिया जाएगा.