नक्सल इलाके में धीमी गति से सड़क निर्माण, टेंडर बदलने की तैयारी में विभाग

जगदलपुर। बस्तर संभाग के दक्षिण बस्तर स्थित आवापल्ली से जगरगुंडा तक सड़क बनाने की जिम्मेदारी 2012 में जिस निर्माणी कंपनी को दी गई थी, अब विभाग उसके द्वारा कछुआ गति से कार्य किए जाने पर उसे हटाकर शेष बची 23 किमी की सड़क बनाने की जिम्मेदारी अन्य कंपनी को देने टेंडर देने की कार्रवाई कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि पाटिल कंस्ट्रक्शन को इस सड़क को बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी और इस कंपनी ने बीते 6 वर्षों में मात्र 47 किमी ही सड़क बनाकर पूर्ण की और शेष 23 किमी पर अभी भी कंपनी के द्वारा धीमी गति से ही कार्य किया जा रहा था। लोनिवि ने कंपनी को कई बार कार्य में गति लाने कहा लेकिन कंपनी के द्वारा इसे अनसुना कर दिया गया जिसके परिणाम स्वरूप विभाग ने इस सड़क की महत्ता को देखते हुए और सड़क पूर्ण करने के लिए अब नई निविदाएं बुलाई हैं।
उल्लेखनीय है कि बीते 6 सालों में इस सड़क को बनाने और बनी हुई सड़क की सुरक्षा सहित निर्माता कंपनी को सुरक्षा देने के सिलसिले में सुरक्षाबल की 24 जवान शहीद हो चुके हैं। यह सड़क सुदूर बस्तर के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से में व्याप्त नक्सली हिंसा प्रभावित क्षेत्र में बन रही है। इस सड़क के बनने से नक्सली खासे नाराज हैं और इसीलिए वे अपने लिए अस्तित्व का संकट समझ लगातार हमले कर रहे हैं। सुरक्षा बलों की आवाजाही के लिए यह सड़क महत्वपूर्ण है और इससे क्षेत्र में सक्रिय नक्सलियों पर प्रभावी अंकुश लग सकता है।