
छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले की भानुप्रतापपुर थाना पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है। मारपीट का शिकार एक युवक पिछले 4 दिनों से FIR दर्ज कराने के लिए थाने का चक्कर लगा रहा था, लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसकी नहीं सुनी। परेशान होकर वह SP ऑफिर शिकायत लेकर पहुंच गया। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों के साथ ही उसके खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया। युवक के साथ सप्ताह भर पहले गांव के ही कुछ लोगों ने मारपीट की थी।
जानकारी के मुताबिक, बीरकोंदल निवासी नरहरदेव गावड़े के साथ 11 दिसंबर को मारपीट की गई थी। आरोप है कि गांव के ही अनिल हिड़ामी, पुनेंद्र हिड़ामी और गमदेव हिड़ामी ने सरकारी जमीन में नल लगाने को लेकर उसे पीटा था। उसी दिन वह थाने शिकायत लेकर पहुंचा तो उससे आवेदन ले लिया गया। इसके बाद आरोपी भी थाने पहुंच गए। आरोप है कि फिर पुलिस ने FIR दर्ज नहीं की। उसे शिकायत की कोई पावती भी नहीं दी गई।
5 दिन बाद दर्ज की एफआईआर, मेडिकल भी नहीं कराया
परेशान होकर 14 दिसंबर को नरहरदेव गावड़े शिकायत लेकर SP ऑफिस पहुंच गया। इस पर आनन-फानने में पुलिस ने 16 दिसंबर को आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली। वहीं एक आरोपी अनिल हिड़ामी की शिकायत पर नरहरदेव और एक अन्य विजय ध्रुव के खिलाफ भी मामला दर्ज किया। जबकि शिकायत लेकर पहुंचे नरहरदेव का 5 दिन तक मेडिकल भी नहीं कराया गया। जब मामला दर्ज हुआ तो रात में उसे डॉक्टर के पास भेजा, लेकिन वह नहीं मिले।
महिला से छेड़छाड़ की भी समाज के दखल से 5 दिन बाद FIR
इससे पहले बीरकोंदल की ही एक विवाहित महिला ने आरोपी अनिल हिड़ामी के खिलाफ 11 दिसंबर को छेड़छाड़ की शिकायत की थी। महिला के अनुसार 10 दिसंबर की दोपहर में जब वह घर में बच्चों के साथ थी तब अनिल हिड़ामी वहां पहुंचा और हाथ पकड़ छेड़छाड़ करने लगा। वह बच्चों को उठा घर के अंदर भागी। आरोपी वहां भी पहुंच गया और महिला के कपड़े फाड़ दिए। उसे जान से मारने की धमकी भी दी।
इसकी शिकायत लेकर महिला जब पुलिस के पास पहुंची तो मामला दर्ज करने की जगह कार्रवाई की सांत्वना देकर लौटा दिया। जब पांच दिन बाद भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की तो महिला के समाज के लोग इसे लेकर 14 दिसंबर को एसपी कार्यालय पहुंचे। इसके बाद फिर पुलिस ने आनन-फानन में 16 दिसंबर की रात एफआईआर दर्ज की।
कन्हैया गावड़े हत्याकांड में भी ऐसी ही बरती थी लापरवाही
इससे पहले अप्रैल माह में कन्हैया गावड़े मारपीट की शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचा था। पुलिस ने उसे भगा दिया। बाद में बंद झोपड़ी में उसकी लाश मिली थी। पुलिस उसे सामान्य सामान्य मौत बताती रही, लेकिन बाद में हत्या का पता चला और आरोपी भी पकड़ा गया। इसके बाद नाबालिक बालिका से सामूहिक दुष्कर्म मामले में भी पुलिस ने लापरवाही बरती। जिससे मुख्य आरोपी कांकेर थाना में पदस्थ एसआई फरार हो गया।
एफआईआर दर्ज करने में हुई देरी की होगी जांच
SDOP भानुप्रतापपुर प्रशांत पैकरा ने कहा मारपीट में दोनों ओर से शिकायत होने पर दोनों पक्ष के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध किया गया है। महिला से छेड़छाड़ मामले में भी एफआईआर दर्ज कर ली गई है। एफआईआर दर्ज करने में की गई देरी की जांच की जाएगी। जो दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।