जिनेवा. कोरोना वायरस (Coronavirus New Variant) के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Variant) को लेकर दुनियाभर के वैज्ञानिक रिसर्च में जुट गए हैं. एक हफ्ते में ओमिक्रॉन 24 देशों में फैल चुका है. 24 देशों में अब तक इस वेरिएंट से 210 लोग संक्रमित हुए हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) द्वारा तेजी से फैलने में सक्षम कोरोना के इस नए वैरिएंट (B.1.1.529) को वेरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC) घोषित किए जाने के बाद से ही हड़कंप मचा है. ओमिक्रॉन को डेल्टा वेरिएंट से भी अधिक तेजी से फैलने वाला वेरिएंट कहा जा रहा है. इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन का मानना है कि पूरी दुनिया में कोरोना महामारी को लेकर एक ऐसा ट्रेंड बना हुआ है, जहां पर ना सिर्फ धीमा टीकाकरण देखने को मिला है, बल्कि कोरोना टेस्टिंग भी काफी लो रह गई है. यही ट्रेंड कोरोना के कई वेरिएंट को ज्यादा ताकतवर बना देता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक ट्रेडोस एडनॉम घेबियस ने कहा, ‘किसी को भी कुछ नया करने की जरूरत नहीं है. कोरोना के कुछ हथियार पहले से ही मौजूद हैं, सिर्फ सही समय पर सही तरीके से उनका इस्तेमाल होना जरूरी है.’ उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘डब्ल्यूएचओ के 5-6 क्षेत्रों में से कम से कम 24 देशों में ओमिक्रोन के मामले पाए जा चुके हैं. इसके आंकड़े अभी और बढ़ेंगे. संगठन इसे काफी गंभीरता से ले रहा है.’
उन्होंने कहा कि बाकी सभी देशों को भी इसे बेहद गंभीरता से लेना चाहिए. लेकिन ये वायरस हमें आश्चर्यचकित न कर दे. यही वायरस करता है और यह वही है जो यह वायरस करता रहेगा, जब तक हम इसे फैलते रहने देते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ट्रेडोस ने कहा कि संगठन लगातार ओमिक्रोन के बारे में मालूम कर रहा है, लेकिन ट्रांसमिशन पर इसके असर, इसकी गंभीरता और टेस्ट, वैक्सीन्स के इस पर असर के बारे में पता लगाना बाकी है.
उन्होंने कहा कि कई डब्ल्यूएचओ के सलाहकार समूहों ने पिछले कुछ दिनों में बैठक की है ताकि सबूतों का परीक्षण किया जा सके और अध्ययन कर बाकी सवालों का जवाब हासिल किया जा सके. इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने ओमिक्रोन वैरिएंट के प्रसार को रोकने के लिए पिछले कुछ दिनों में देशों द्वारा उठाए गए उपायों की आलोचना की है.
मंगलवार को बयान में डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल ने कहा कि वह बोत्सवाना और साउथ अफ्रीका में पाए गए इस नए वेरिएंट को लेकर बेहद चिंतित हैं. बता दें कि पिछले हफ्ते इस वैरिएंट के मिलने के बाद कई देशों ने साउथ अफ्रीकी देशों पर ट्रैवल बैन लगा दिया है.
भारत में क्या है असर
भारत में बुधवार को विदेशों से आए 3476 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों में 6 कोरोना संक्रमित पाए गए. इसके बाद उनके सैंपल को जीनोमिक सिक्वेंसिंग के लिए लैब में भेज दिया गया है. खास बात है कि यात्री “एट रिस्क” देशों से आए हैं. यानी उन देशों से जिसे रिस्क की कैटेगरी में रखा गया है और कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के केस सामने आए हैं.
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