छत्तीसगढ़ में बुधवार से एमएसपी पर धान खरीदी शुरू हो गई, जो 31 जनवरी तक चलेगी। इस वर्ष 24.9 लाख से अधिक किसानों से 105 लाख टन धान खरीदा जाएगा। बारदाना संकट के बीच भूपेश सरकार ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए उनके द्वारा लाए बोरे की कीमत 18 रुपए से बढ़ाकर 25 रुपए कर दी है। किसानों को अब 15 दिन पहले ही टोकन दिया जाएगा।
29 लाख 84 हजार 920 हेक्टेयर रकबा रजिस्टर्ड
काॅमन धान- 1940 रुपए, ग्रेड ए- 1960 रुपए प्रति क्विंटल
धान बेचने इस साल 24.09 लाख किसानों ने कराया पंजीयन
कुल पंजीकृत रकबा 29 लाख 84 हजार 920 हेक्टेयर
2399 केन्द्रों में एक साथ होगी खरीदी, 88 नए केंद्र खोले गए
धान बेचने 15 दिन पहले मिलेगा आसानी से टोकन
पहली बार 1 करोड़ पांच लाख टन खरीदने की तैयारी
5.25 लाख गठान बारदानों की जरूरत, मिले सिर्फ 86 हजार
किसानों को बारदाने का 18 की बजाय अब 25 रुपए भुगतान
17 फीसदी से ज्यादा नमी होने पर नहीं बेच सकेंगे किसान
कस्टम मिलिंग के लिए 120 रुपए प्रति क्विंटल दर निधारित
अब लॉकडाउन नहीं, फिर बारदाना क्यों रोका गया
पिछले साल कोरोना के कारण लॉकडाउन लगा था, जिससे फैक्ट्रियां बंद थीं और उत्पादन नहीं होने की बात कही गई थी। लेकिन इस बार ऐसी कोई बात नहीं है,फिर भी हमें बारदाना क्यों नहीं दिया जा रहा है। पूरे देश में बारदाने का वितरण जूट कमिश्नर ही करता है, जिसकी निर्धारित कीमत है। यदि हम टेंडर बुलाएं तो इतना बारदाना कौन सप्लाई करेगा? यह जिम्मेदारी जूट कमिश्नर की ही है। केंद्र सरकार हर स्तर पर राज्य को परेशान कर रही है। – भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़
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