छत्तीसगढ़ में रेजिडेंट डॉक्टरों पर इतना बोझ लाद दिया गया है कि वे परेशान हो गए हैं। डाक्टरों का कहना है कि कम स्टाफ में पूरा काम करना पड़ रहा है। ओपीडी, ऑपरेशन, इमरजेंसी में डटे रहना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में कार्यक्षमता पर असर पड़ रहा है।
हमारी मांगें सुनी नहीं जा रही है। इसलिए मांगों को लेकर लगातार हड़ताल पर हैं। हमें किसी भी प्रकार की तारीख पर तारीख नहीं चाहिए। हमें सिर्फ काउंसलिंग चाहिए, जो पिछले 15 माह से नहीं हुआ है। काउंसलिंग नहीं होने से नए बैच नहीं आ रहे हैं। कोरोना के नए वेरिएंट को लेकर भी काम का दबाव बढ़ रहा है।
रेजिडेंट डॉक्टर संघ के अध्यक्ष डा. इंद्रेश यादव, वाइस प्रेसिडेंड डा. दीपक गुप्ता, मीडिया प्रभारी प्रेम चौधरी ने बताया कि 27 तारीख से प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा में ओपीडी बंद है। उसके बाद ऑपरेशन थियेटर बंद किया गया है। फिर भी मांगें नहीं मानी गई तो इमरजेंसी सेवा बंद किया जाएगा।
वहीं नीट पीजी डिले होने पर पूरे देश में हड़ताल की गई। डॉक्टर इंद्रेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार से आग्रह है कि काउंसलिंग जल्द कराई जाए, ताकि और डाक्टर मिल सके। डॉक्टर मिलेंगे तो काम का बोझ कम होगा और मरीजों को भी अच्छे से देख सकेंगे। उन्होंने कहा कि 15 माह से काउंसलिंग नहीं हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई होनी है। उसके बाद आगे की कब डेट मिल जाए यह भी नहीं पता।
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