कोरोना की वजह से जान गंवाने वाले दो लोगों के शव करीब 15 महीने बाद मोर्चरी से बरामद किए गए हैं। दोनों शव को बेंगलुरु के राजाजीनगर शहर के एक ईएसआई अस्पताल के मोर्चरी से बरामद किया गया है। मृतकों में से एक की पहचान दुर्गा सुमित्रा के रूप में हुई है।
मोर्चरी में रखे शवों पर लगे टैग की मदद से उनकी पहचान की गई। जिसमें एक शव 40 साल की दुर्गा और दूसरा 50 साल के मुनिराजू का था। दुर्गा चामराजपेट की रहने वालीं थी जबकि, मुनिराजू केपी अग्रहारा की रहने वाली हैं। अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक, दोनों को जुलाई 2020 में अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उसी महीने उनकी मौत भी हो गई थी।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मामले जांच के आदेश दे दिए गए हैं। इसमें शामिल सभी लोगों की स्पष्ट लापरवाही दिख रही है। खासकर वो लोग जिन लोगों ने मोर्चरी को बंद करने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच नहीं की, वो इस घटना के लिए जिम्मेदार हैं। घटना की जांच की जाएगी।
दुर्गा की बड़ी बहन सुजाता ने मीडिया को बताया कि अस्पताल में भर्ती होने के चार दिन बाद दुर्गा की मौत हो गई। परिवार वालों को अस्पताल में बेड पाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था। सुजाता ने कहा कि उनके बहन की मौत के बाद अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि कोविड दिशानिर्देशों की वजह से वो शव परिवार को नहीं सौंपेंगे। दो दिन बाद फोन आया कि उन्होंने शव का अंतिम संस्कार कर दिया है।
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