बेमौसम बरसात से किसान फसल के नुकसान की आशंका से डरे हुए हैं। जिनकी फसल कट गई है, वे उसे बचाने की जुगत में हैं। जिन किसानों की खड़ी फसल पानी भरे खेतों में गिर गई है, वे उसे काटकर बचाने के लिए महंगी मजदूरी देने को भी तैयार हैं, लेकिन राज्य सरकार को लगता है कि इस बरसात से कोई नुकसान नहीं होगा।
प्रदेश के कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने सोमवार को कहा, जो फसल अभी खेतों में खड़ी है, उसको कोई नुकसान होगा नहीं। जो बहुत अर्ली वेरायटी की फसल किसानों ने लगा रखी थी, वह खलिहान तक ले आये हैं, उसको भी ज्यादा नुकसान नहीं होगा। फिर भी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि कहां-कितना नुकसान हो सकता है, उसका आंकलन कर वे रिपोर्ट भेजेंगे। कृषि मंत्री ने कहा, धान खरीदी के लिए सरकार ने एक दिसम्बर की तारीख तय की है। धान खरीदी उसी दिन से प्रारंभ किया जाएगा।
इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने किसानों का पूरा धान खरीदने की घोषणा तत्काल करने की मांग की है। साय ने कहा, एक माह देर से धान खरीदी का निर्णय लेकर प्रदेश सरकार ने किसानों को दोहरी आर्थिक चोट पहुंचाने का षड्यंत्र रचा था। अब हुई बारिश के कारण एक तो किसानों का धान खेत में पानी में भीग गया, खड़ी फसल क्षतिग्रस्त हुई और अब धान कटाई की लागत भी बेहिसाब बढ़ जाएगी। ऐसे में प्रकृति की मार सह रहे किसानों का पूरा धान खरीदना तत्काल शुरू होना चाहिए।
भाजपा का आरोप, एक नवम्बर से खरीदते तो कम नुकसान होता
भाजपा का आरोप है, प्रदेश सरकार ने एक नवम्बर से ही धान खरीदना शुरू कर दिया होता तो किसानों को इतना नुकसान नहीं उठाना पड़ता। साय ने कहा, विपक्ष में रहते हुए एक नवम्बर से धान खरीदी का राग अलापते रहने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज सत्ता में आने के बाद से किसानों के साथ छल-कपट ही कर रहे हैं।
खरीदी में आनाकानी हुई तो सड़क पर उतरेगी भाजपा
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा, अगर प्रदेश सरकार ने धान खरीदी के समय धान को पाखड़, बदरा या कुछ और बताकर खरीदने से इनकार किया तो भाजपा सड़क पर उतरेगी। उन्होंने कहा, हम पूरे प्रदेश में किसानों को साथ लेकर इस सरकार की ईंट से ईंट बजाने के लिए सड़क पर उतरेंगे।
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