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इन दो राशियों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है साल का आखिरी चंद्र ग्रहण…

साल 2021 का आखिरी चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को सोमवार के दिन लगने जा रहा है. इस दिन कार्तिक पूर्णिमा भी है. चंद्र ग्रहण को वैज्ञानिक रूप से जहां एक खगोलीय घटना के रूप में देखा जाता है, वहीं ज्योतिष में इसे अशुभ घटना माना जाता है और इसका तमाम राशियों पर प्रभाव भी देखा जाता है.

चंद्र ग्रहण के 15 दिनों बाद साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा. ऐसे में दो राशियों को बेहद सावधान रहने की जरूरत है. ज्योतिष की मानें तो चंद्र ग्रहण का प्रभाव करीब एक माह तक रहेगा, इस कारण तमाम राशियों को एक माह तक सावधानी बरतने की जरूरत होगी. यहां जानिए किन दो राशियों की मुश्किल बढ़ा सकता है ये ग्रहण.

वृषभ राशि
19 नवंबर 2021, को चंद्र ग्रहण वृषभ राशि में लगने जा रहा है, साथ ही इस दिन कृतिका नक्षत्र होगा. ऐसे में वृषभ राशि वालों के लिए थोड़ी मुश्किल पैदा हो सकती है क्योंकि ये सबसे ज्यादा प्रभावित इसी राशि को करेगा.

वृषभ राशि में पहले से ही राहु विद्यमान है, ऐसे में कोई भी फैसला लेते समय भ्रामक स्थिति से गुजरना पड़ेगा. अगर थोड़ी भी लापरवाही बरती तो गलत निर्णय ले सकते हैं, जिसका असर पूरे परिवार को झेलना पड़ सकता है. साथ ही इसके कारण आर्थिक नुकसान भी हो सकता है.

सिंह राशि
ये ग्रहण कृतिका नक्षत्र में लगेगा, इस नक्षत्र का स्वामी सूर्य है, इसलिए सूर्य से जुड़ी राशियों पर भी चंद्र ग्रहण का असर देखने को मिलेगा. सिंह भी सूर्य की ही राशि है. इस राशि के लोगों के करियर पर बुरा असर देखने को मिल सकता है.

वर्कप्लेस पर बॉस से बहस हो सकती है, जिसके कारण आपका काम प्रभावित हो सकता है. इसलिए किसी भी स्थिति में शांत रहें. बहसबाजी को पूरी तरह से अवॉयड करें वरना इसके कारण आपकी इमेज खराब हो सकती है. ये ग्रहण आपकी सेहत को भी प्रभावित कर सकता है. इसलिए बहुत सावधान रहने की जरूरत है.

भारत के इन हिस्सों में दिखेगा ग्रहण
ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस साल का आखिरी चंद्र ग्रहण खग्रास चंद्र ग्रहण है. भारतीय समय के अनुसार ये ग्रहण सुबह 11 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा और इसका समापन शाम को 05 बजकर 33 मिनट पर होगा.

ये ग्रहण यूरोप, अमेरिका, रूस, चीन, ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और ब्रिटेन में साफ दिखाई देगा. भारत में ये सिर्फ अरुणाचल प्रदेश और असम के कुछ हिस्सों में ही दिखाई देगा. चूंकि ये चंद्र ग्रहण एक उपछाया ग्रहण है, इसलिए भारत में सूतक काल प्रभावी नहीं होगा.

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