दुर्ग जिले के अहिवारा में शासकीय नागरिक कल्याण कॉलेज परिसर के प्राचार्य ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. उनका शव कॉलेज के पुराने भवन के कमरे में पंखे से लटका मिला है.
जिससे कॉलेज में सनसनी फैल गई. प्रचार्य का नाम डॉ भुवनेश्वर नायक है. टीचर ने फांसी क्यों लगाई, सुसाइड के पीछे वजह क्या? इन सब कारणों की जांच करने के लिए पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई है. कॉलेज के स्टाफ से पूछताछ शुरू हो गई है.
आपको बता दें कि बीते 22 अक्टूबर को दुर्ग यूनिवर्सिटी की कुलपति का दौरा कॉलेज में हुआ था. तब कई खामियों को लेकर प्रभारी प्राचार्य को सुनना भी पड़ा था. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. आखिर इतना बड़ा कदम क्यों उठाया? यह प्रमुख जांच का विषय है.
पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाए
बता दें कि करीब सप्ताह भर पहले यूनिवर्सिटी कुलपति के निरीक्षण के दौरान कई खामियां मिली थीं. इस दौरान उन्होंने बताया भी था कि वह कॉलेज के प्राचार्य का प्रभार संभाल नहीं सकते हैं, इसलिए उन्हें पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाए. जिसे लेकर उन्होंने शिक्षा विभाग को खत भी लिखा था.
मोबाइल के बाद ही कारण पता चलेगा
पुलिस का कहना है कि हर पहलू की जांच की जा रही है. फॉरेंसिक टीम को मोबाइल बरामद हुआ है. मोबाइल खुलने के बाद ही सुसाइड का कारण पता चल पाएगा. वहीं नंदनी अहिवारा पुलिस मामले की जांच में जुट गई है. फिलहाल खुदकुशी का कारण स्पष्ट नहीं है. पुलिस ने शव को नीचे उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
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