नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को यूरिया सब्सिडी को 2020 तक बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के साथ ही उर्वरक सब्सिडी के डिस्बर्समेंट के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के क्रियान्वयन को भी मंजूरी प्रदान की। किसानों को यूरिया प्रति टन 5,360 रुपये के संवैधानिक रूप से नियंत्रित कीमत पर उपलब्ध कराया जाएगा।
वित्त वर्ष 2018-19 में यूरिया सब्सिडी के 45,000 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। सरकार ने कहा है यूरिया पर सब्सिडी जारी रहने से देश भर किसानों को कम कीमत पर इसकी आपूर्ति होती रहेगी। इससे अगले तीन सालों में सरकार पर 164935 करोड़ रुपये की लागत आएगी। वैसे तो उर्वरक मंत्रालय हर साल यूरिया पर मिलने वाली सब्सिडी पर कैबिनेट में प्रस्ताव रखता है, लेकिन पहली बार सरकार ने अगले तीन सालों के लिए यूरिया पर सब्सिडी जारी रहने पर मुहर लगाई है।
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