संसदीय स्थायी समिति ने दिया सुझाव
सरकारी नौकरी की चाहत रखने वाले युवाओं को 5 साल देश की सरहद पर तैनात करना चाहिए, यह सुझाव संसदीय स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में दिया है। बजट सत्र के दौरान एक बार फिर से संसद में भारतीय सेना के जवान और उनके पास मौजूद हथियारों के आधुनिकीकरण का मुद्दा गर्माया है। मंगलवार (13 मार्च) को संसदीय स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए संसद में कहा कि वर्तमान समय में भारतीय सेना जवानों की कमी से जूझ रही है, जिसे वक्त रहते पूरा करने की आवश्यकता है। संसदीय स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव देते हुए कहा कि देश में सरकारी नौकरी करने से पहले युवाओं को 5 साल सरहद पर सेना की सर्विस में तैनात किया जाना चाहिए।
सेना में भर्ती होने के बाद अनुशासित होंगे लोग
केंद्रीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सरकारी नौकरी से पहले अगर लोगों को सेना की सर्विस में लगाया जाएगा तो वह ज्यादा अनुशासित होंगे। समिति ने कहा है कि भारतीय रेलवे से लेकर तमाम सरकारी विभागों में नौकरी के लिए जितने आवेदन आते हैं, उसके आधे आवेदन सेना में आते हैं। लोगों का ध्यान सरकारी नौकरी पाने के लिए तो है लेकिन देश की सेवा करने के लिए सेना में आने की ओर नहीं है।
अकेले रेलवे में ही 30 लाख कर्मचारी
केंद्र सरकार के तहत इस समय भारतीय रेलवे में ही करीब 30 लाख कर्मचारी हैं. जबकि राज्य सरकारों के पास करीब 2 करोड़ कर्मचारी है। संसदीय समिति ने इस तरह की सिफारिश ये समझते हुए दी है कि भारतीय सेना अफसरों और जवानों की भारी कमी से जूझ रही है और अगर ये सिफारिश लागू हो जाती है तो इस समस्या पर काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।
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