छत्तीसगढ़ में चार नए जिलों के पुनर्गठन पर काम शुरू हो गया है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने सक्ती, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और सारंगढ-बिलाईगढ़ जिलों की सूचना राजपत्र में जारी कर दी है। लेकिन, प्रस्तावित मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के लिए ऐसी सूचना प्रकाशित नहीं की है। बताया जा रहा है, उस जिले के पुनर्गठन का प्रस्ताव अभी तैयार नहीं है।
स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में चार नए जिले बनाने की घोषणा की थी। इनमें दो जिलों को लेकर विवाद की स्थिति बनी। अब दो महीनों बाद सरकार ने इन घोषणाओं को अमली जामा पहनाने की कवायद शुरू की है। राजस्व विभाग ने नए जिले बनने से प्रभावित हो रहे सभी पांच जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर दावा आपत्ति मंगाने को कहा है। इससे पहले जिलों के पुनर्गठन की प्रारंभिक सूचना को जिला, अनुविभाग, तहसील और ग्राम पंचायत में चिपकाया जाएगा।
मुनादी कराई जाएगी और प्रचार माध्यमों से लोगों को इसकी जानकारी दी जानी है। पता चला है, कि कोरिया जिले के पुनर्गठन को लेकर भारी विरोध की वजह से प्रशासन अभी तक मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले का प्रस्ताव नहीं बना पाया है। कहा जा रहा है, जल्दी ही इस नए जिले के लिए भी सूचना जारी कर दी जाएगी।
दिसंबर तक OSD की नियुक्ति हो जाएगी
प्रारंभिक सूचना पर दावा आपत्ति आने के बाद कलेक्टर सुनवाई करेंगे। सुनवाई के बाद इसकी रिपोर्ट राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग को देनी होगी। इसके साथ कलेक्टर को अपना अभिमत भी देना होगा। इसके लिए 21 दिसंबर तक का समय दिया गया है। उसके बाद प्रशासन और पुलिस के लिए विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारियों (OSD) की नियुक्ति कर दी जाएगी।
इस प्रक्रिया में पांच जिले प्रभावित होंगे
प्रदेश में चार नए जिले बनने की प्रक्रिया में पांच जिले प्रभावित हो रहे हैं। इनमें जांजगीर-चांपा जिले से अलग कर सक्ती बनेगा। राजनांदगांव जिले से अलग होकर मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी बनना है। रायगढ़ और बलौदा बाजार-भाटापारा दो जिलों से कुछ हिस्सों को अलग कर सारंगढ-बिलाईगढ़ जिला बनना है। कोरिया जिले से अलग कर मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर को जिला बनाया जाना है। इन 4 नए जिलों के साथ प्रदेश में अब जिलों की संख्या 32 तक पहुंच गई है।
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