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बलरामपुर में छलका कांग्रेसियों दर्द, आपसी लड़ाई में कैसे करेंगे जनता का भला : भाजपा प्रदेश प्रवक्ता सिंहदेव…

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने कहा है कि बलरामपुर ज़िले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने अपनी उपेक्षा और सत्ता-संगठन में तालमेल नहीं होने का जो दर्द एक बैठक में बयान किया है, वह कांग्रेस के असली राजनीतिक चरित्र का चित्रण है। सिंहदेव ने कहा कि कांग्रेस की बैठक में दो घंटे तक राष्ट्रीय सचिव के सामने कांग्रेस के लोगों ने अपनी सरकार का जो खाका पेश किया है, उससे भाजपा के उस कथन की पुष्टि हो जाती है कि प्रदेश कांग्रेस और सरकार में वन मैन शो की अधिनायकवादी फ़ितरत हावी है।
सिंहदेव ने कहा कि कांग्रेस में लोग तो आज इस बात से क्षुब्ध हैं कि सत्ता और संगठन में तालमेल नहीं है। परंतु हक़ीक़त यह है कि कांग्रेस में संगठन के स्तर पर भी कोई तालमेल कभी नज़र नहीं आया। समूची कांग्रेस सत्तालोलुपता के प्रदर्शन का केंद्र बनी रही है। डेढ़ दशक बाद जिन कार्यकर्ताओं के परिश्रम के चलते कांग्रेस प्रदेश की सत्ता पर क़ाबिज हुई है, उन कार्यकर्ताओं का छलकता दर्द कांग्रेस के संगठनात्मक और सत्तात्मक चरित्र को उधेड़ रहे हैं। जब कांग्रेस के विधायक कार्यकर्ताओं की नहीं सुन रहे हैं, सरकार विधायकों की नहीं सुन रही है, नौकरशाही सरकार की नहीं सुन रही है और सब मिलकर प्रदेश की जनता की पीड़ा नहीं सुन रहे हैं। सिंहदेव ने कहा कि प्रदेश में तो कांग्रेस के लोगों का सत्ता में ही तालमेल नहीं बैठ रहा है और सत्ता-संघर्ष का क़ोहराम मचा हुआ है, वहाँ संगठन की सुध तो सत्ता के गलियारों में चहलक़दमी करते कांग्रेस नेताओं को सिर्फ़ चुनाव के मौक़ों पर आती रही है। श्री सिंहदेव ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव के नतीजों को लेकर बड़ी-बड़ी डींगें हाँकते और भाजपा पर तानाकशी करते कांग्रेस के नेता अब अपने गिरेबाँ को झाँककर देख लें कि वहाँ उनके कार्यकर्ताओं की क्या दुर्गति हो रही है और कैसे वे अपने राष्ट्रीय नेताओं के सामने घंटों अपना दुखड़ा रोने के लिए विवश किए जा रहे हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि बैठक में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों ने अपनी ही प्रदेश सरकार पर जिस तरह के गंभीर आरोप लगाए हैं, उससे भी यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रदेश में लोकतांत्रिक तरीके़ से चुनी सरकार के संरक्षण में माफ़िया राज चल रहा है, जिसे लेकर भाजपा लगातार प्रदेश सरकार को घेरती रही है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस में प्रकरण दर्ज़ करने से लेकर अफ़सरों-कर्मचारियों के बर्ताव से दु:खी कांग्रेस कार्यकर्ता ही जब यह कह रहे हैं कि उनकी बात टीआई-तहसीलदार तक नहीं सुनते, अफ़सर उनकी छाती पर मूंद दल रहे हैं, वे हमेसा इस डर के साये में रहते हैं कि न जाने, कब कौन-सा केस उन पर दर्ज़ हो जाए, तो यह समझते देर नहीं लगती कि प्रदेश में सरकार का परफ़ॉर्मेंस कैसा है? अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिले इस सर्टीफ़िकेट के बाद विपक्ष में रहते हुए घुड़सवारी की बड़ी डींगें हाँकते मौज़ूदा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब अपनी घुड़सवारी का गुमान क़तई नहीं रह जाना चाहिए और यह मान लेना चाहिए प्रशासन चलाना और उसे साधना उनके बस की बात नहीं रही है। बदलापुर के सियासी एजेंडे के लिए सत्ता के बल पर प्रशासन को हाँक लेना घुड़सवारी का पैमाना नहीं होता, बल्कि जनता के कल्याण के लिए प्रशासन को प्रेरित करना ही एक अच्छी घुड़सवारी होती है।

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