रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक के ग्राम ओटेबंद में धर्मांतरण को लेकर ग्रामीणों में उपजे आक्रोश के मद्देनज़र प्रदेश सरकार पर सीधा हमला बोला और कहा है कि इस घटना से भाजपा की इस चिंता की पुष्टि हो गई है कि सांप्रदायिक तुष्टिकरण की राजनीति और सत्ता-संरक्षण में एक ओर प्रदेशभर के विभिन्न इलाक़ों में ईसाई मिशनरियाँ धर्मांतरण का कुचक्र चला रही हैं और दूसरी तरफ़ लव ज़िहाद की आड़ में कतिपय अराजक तत्व धर्मांतरण और साम्प्रदायिक हिंसा फैलाने में लगे हैं। श्री कश्यप ने कहा कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस धर्मांतरण और साम्प्रदायिक हिंसा को रोकने के बजाय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा पर मिथ्या दोषारोपण करके अपने निकम्मेपन पर पर्दा डालने की शर्मनाक कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री कश्यप ने इस संबंध में आ रहीं सूचनाओं को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि ईसाई समाज के कुछ लोगों के गांव में पहुंचने पर ग्रामीण और हिंदू संगठनों के तमाम कार्यकर्ता एकत्र हो गए और उनका घेराव कर उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी। ग्रामीणों का आरोप है कि ईसाई समुदाय के लोग रुपए और अन्य लालच देकर धर्म परिवर्तन करा रहे थे। सूचना मिलने पर पहुंची नंदनी थाना पुलिस ईसाई समाज के लोगों को पकड़ कर थाने ले गई। पुलिस ने उनसे धार्मिक किताबों सहित अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। श्री कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू और प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व कृषि मंत्री रवींद्र चौबे के अपने गृह ज़िले में धर्मांतरण का ख़ुलासा और उस कुचक्र का कड़ा विरोध होना प्रदेश सरकार के इस बारे में तमाम कथनों को सफ़ेद झूठ क़रार देने के लिए पर्याप्त है। धर्मांतरण के मुद्दे पर सिरे से बेनक़ाब हो चुकी प्रदेश सरकार अब संघ-परिवार और भाजपा के ख़िलाफ़ रूदाली-प्रलाप छोड़कर प्रदेश में सांप्रदायिक व सामाजिक सद्भाव बहाल करने की ईमानदार पहल करे। श्री कश्यप ने कहा कि ग्रामीणों को यह आरोप बेहद गंभीर है कि धमधा ब्लॉक के ओटेबंद गांव में रविवार देर रात ईसाई समाज के 45 से ज्यादा लोग पहुंचे थे। उनके पास बड़ी संख्या में दस्तावेज़ थे और वे यह लोग ग्रामीणों को एकत्र कर भाटापारा इलाके में विशेष प्रार्थना सभा कर रहे थे। थोड़ी देर बाद वहां पूरा गांव एकत्र हो गया और उन्होंने प्रार्थना सभा की आड़ में चल रहे धर्मांतरण के कुचक्र का कड़ा प्रतिवाद किया।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री कश्यप ने कहा कि जब ग्रामीणों ने समुदाय के लोगों से गांव में आने का कारण पूछा तो वे गोलमोल ज़वाब देने लगे। कुछ ने विशेष प्रार्थना सभा की बात कही तो कुछ ने अन्य कारण गिनाए जिससे ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ा। इस बीच सूचना मिलने पर पहुँची पुलिस व थाना प्रभारी ने ईसाई समुदाय के लोगों से पूछताछ की और उसके बाद दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। श्री कश्यप ने कहा कि जब मौक़ा-ए-वारदात पर 45 लोग मौज़ूद थे तो फिर सिर्फ़ दो ही लोगों पर केस दर्ज़ करके प्रशासन ने भी यह ज़ाहिर कर दिया है कि राजनीतिक व सरकार के दबाव में शेष आरोपियों को कार्रवाई के दायरे में नहीं रखा गया है, जबकि पुलिस ने उनके पास से धार्मिक पुस्तकें व दस्तावेज़ जब्त किए हैं। श्री कश्यप ने आरोपियों के पास से बरामद उन दस्तावेज़ों को भी जाँच के दायरे में लाने की मांग की है जिनमें ग्रामीणों को दी गई उधार रकम का जिक्र है। ग्रामीणों के इस आरोप से यह प्रमाणित हो चला है कि ईसाई मिशनरियाँ इसी तरह ग़रीब लोगों को उधार रकम दे रही हैं और उन्हें अन्य लालच देकर धर्म परिवर्तन करने के लिए मज़बूर कर रही हैं। श्री कश्यप ने कहा कि पिछले लंबे समय से प्रदेश में धर्मांतरण का कुचक्र चल रहा है। बस्तर संभाग के एक पुलिस अधीक्षक (एसपी) द्वारा कुछ महीनों पहले इस बारे में ज़िले के मातहत प्रशासनिक अधिकारियों को लिखा गया पत्र इसी ख़तरे की ओर संकेत कर रहा था, लेकिन अपनी कुर्सी बचाने के लिए ‘स्वामीभक्ति’ के दाँव-पेंचों में मशगूल मुख्यमंत्री बघेल इस ओर से आँखें मूंदे बैठे रहे और प्रदेश के बहुसंख्यक समाज की धार्मिक आस्था के साथ खिलवाड़ करने की खुली छूट देते रहे, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
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