छत्तीसगढ़ में पटाखों पर लग सकता है BAN… IMA और प्रदेश की प्राइवेट हॉस्पिटल बोर्ड ने सरकार को लिखा पत्र…

रायपुर। राजस्थान और उड़ीसा में पटाखों बिक्री पर प्रतिबंध के बाद के बाद छत्तीसगढ़ में भी पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने की मांग शुरू हो गई है। इसे लेकर आईएमए यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और छत्तीसगढ़ प्राइवेट हॉस्पिटल बोर्ड ने बैन के लिए सरकार को पत्र लिखा है।
स्वास्थ्य से जुड़े इन दोनों संगठनों ने पटाखा से होने वाले दुष्प्रभाव पर चिंता जताते हुए कहा है कि इससे न केवल ध्वनि, वायु और जल प्रदूषण होता है, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। यही नहीं, कोरोना संक्रमण के चपेट में आए मरीजों के लिए यह पटाखा और भी घातक हो सकता है।
डॉक्टरों के समूह ने सरकार से कहा है कि कोरोनावायरस सीधे फेफड़ों पर अटैक करता है। इससे फेफड़े कमजोर हो जाते हैं। इधर पटाखा फूटने के बाद उससे निकलने वाला धुआं फेफड़ों के लिए घातक है। इन दोहरे कारक से संक्रमित मरीज और भी गंभीर हो सकता है।
आशंका जताई है कि प्रदूषण से संक्रमण के बढ़ने का भी खतरा है। इधर दुकानदारों का कहना है कि सरकार चाहे तो पटाखा बिक्री पर प्रतिबंध लगा सकती है, लेकिन सरकार को इस बात पर भी रिसर्च कर लेना चाहिए कि त्यौहार पर पटाखा फूटने के दौरान होने वाला प्रदूषण साल भर के ट्रैफिक प्रदूषण से कितने गुना कम है।