जिले में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जहां अंधविश्वास के चलते एक बीते दिन एक 4 वर्षीय मासूम की मौत हो गई. बताया जा रहा है कि बच्चे की तबियत खराब थी और किसी झोलाछाप डॉक्टर के यहां से इलाज चल रहा था, लेकिन बच्चे की जब तबियत में कोई फर्क नहीं पड़ा तो परिजनों के झाड़-फूंक का सहारा लिया.
झाड़ फूंक के दौरान अमानवीय व्यवहार के चलते मासूम ने दम तोड दिया. वहीं मासूम बेटी की भी तबीयत खराब होने से इलाज के अभाव में मौत हो गई.
पडरौना कोतवाली क्षेत्र के जरार गांव के रहने वाले ओम प्रकाश राजभर के 4 वर्षीय मानसून नीतीश का कई दिनों से बुखार और उल्टी दस्त हो रहा था. बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी तो परिजन परेशान हो गए. जिसके बाद गांव के एक महिला ने झाड़-फूंक कर सही करने का वादा किया. घरवाले महिला के झांसे में आ गए.
महिला द्वारा बिहार से एक दंपति को बुलाया गया और झाड़-फूंक कराना शुरू हो गई. दूसरी तरफ बच्चे की हालत गंभीर होती गई जिसके बाद मासूम ने दम तोड़ दिया. बच्चे को मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया. इसी बीच घर वालों ने पुलिस को सूचना दिया, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने 2 महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया. जबकि तांत्रिक मौके से फरार हो गया.
परिजनों की मानें तो झाड़ फूंक के दौरान तांत्रिक द्वारा ऐसे व्यवहार किया गया, जिसे सुन कर किसी की भी रूह कांप जाए. बच्चे को ठीक करने का दावा करने वाले सोखा ने तो बच्चे को ठीक करने के नाम पर जूते से मुंह पर रगड़ा, मुंह के अंदर जूता डाला, जिस वजह से बच्चा तड़प तड़प मर गया.
पीड़ित परिजनों का दर्द यहीं नहीं रुका. बेहद गरीब असहाय परिवार अभी एक अपने बेटे की मौत से उभरा भी नही था घर में बेटी का भी इलाज के अभाव में मौत हो गई. गरीबी का आलम ऐसा की कफन तक खरीदने के पैसे जब न हुए तो गांव वालों ने चंदा लगाकर मृतक के बेटे का कफन उपलब्ध करवाए और पोस्टमार्टम करवाने के लिए भेजें.
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