नायपीतावः म्यांमार सेना और विद्रोही समूहों के बीच सागिंग क्षेत्र में संघर्ष में कम से कम 30 जुंटा सैनिकों की मौत हो गई है।
रेडियो फ्री एशिया ने पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के सदस्यों के हवाले से खबर दी कि यह लड़ाई तब हुई, जब जुंटा सैनिकों ने क्षेत्र में ‘समाशोधन अभियान’ शुरू किया था।
सुरक्षाकर्मियों एवं प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। यह टकराव बढ़ते लोकप्रिय विद्रोह और म्यांमार के जनरलों के बीच बढ़ते तनाव का परिचायक है। सेना के जनरलों ने आंग सान सू ची की निर्वाचित सरकार गिरा दी थी। म्यांमार 1 फरवरी को तख्तापलट के बाद से उथल-पुथल में है।
पीडीएफ प्रवक्ता के मुखबिर ने कहा, “सोमवार सुबह एक सैन्य काफिले ने पेल टाउनशिप के बाहर बारूदी सुरंगों में विस्फोट कर दिया, जिसमें एक सामरिक कमांडर सहित कम से कम 30 सरकारी सैनिक मारे गए।” वरिष्ठ जनरल मिंग आंग हलिंग के नेतृत्व में म्यांमार की सेना ने नागरिक सरकार को उखाड़ फेंका और एक साल के लिए आपातकाल की घोषणा की। तख्तापलट ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया और घातक हिंसा से हुई।
असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स (AAPP) के आंकड़ों के अनुसार, तख्तापलट के बाद से आठ महीनों से अधिक समय में म्यांमार में सैन्य बलों ने देश में कम से कम 7,219 लोगों को गिरफ्तार करते हुए 1,167 नागरिकों को मार डाला है। म्यांमार सेना और विद्रोही समूहों के बीच संघर्षों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
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