छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आलाकमान नेतृत्व परिवर्तन पर विचार कर रहा है। इसी बीच प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के दावेदार और सरकार में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव एक बार दिल्ली में पांव जमाए हुए हैं। वहीं हाईकमान के करीबी सूत्रों का दावा है कि ढ़ाई-ढ़ाई साल के कार्यकाल का चेप्टर राज्य में अब क्लोज हो गया है और भूपेश बघेल ही विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का चेहरा होंगे, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री की कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक कुछ और ही बयान कर रही है।
हालांकि दिल्ली में वेणुगोपाल और सिंहदेव के बीच किस विषय पर बात-चीत हुई इसकी जानकारी अब तक नहीं मिली है, लेकिन बताया जा रहा है कि सिंहदेव ने नेतृत्व परिवर्तन के मसले पर अपना पक्ष रखा है।
यह तय है कि उत्तर प्रदेश चुनाव में पूरा प्रबंधन भूपेश बघेल और उनकी टीम के पास रहेगा। भूपेश के संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सचिव भी हैं। राहुल और प्रियंका के करीबी और यूपी की विधायक आराधना मिश्रा की कुछ समय पहले भूपेश बघेल के साथ लंबी चर्चा हुई थी।
हाईकमान के करीबी सूत्रों ने यह साफ कर दिया है कि उत्तर प्रदेश चुनाव तक छत्तीसगढ़ में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। कांग्रेस विधायकों का भूपेश बघेल के पक्ष में एकजुट होना और पिछड़े वर्ग से तालुक रखना उनके पक्ष में गया है। ऐसे में किसी तरह परिवर्तन कर हाईकमान कोई जोखिम नहीं लेना चाह रही है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी पीएल पुनिया 14 तारीख को रायपुर में पीसीसी की बैठक लेने पहुंच रहे है। वे विधायक दल की बैठक भी ले सकते हैं। पुनिया इन बैठकों में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर चल रहे चर्चाओं पर पूर्ण विराम लगा सकते हैं। ऐसे में पुनिया की बैठकों पर निगाहें टिकी हुई है।
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