छत्तीसगढ़ के कवर्धा में हुए झंडा विवाद की आग बस्तर तक पहुंची। झंडा विवाद मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग व कांग्रेस सरकार के खिलाफ बस्तर में मंगलवार को भाजपा व विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ कार्यकर्ताओं की झूमाझटकी भी हुई। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने शहर में जगह-जगह बैरिकेड्स लगा कर रखे हुए थे। जिसे तोड़ते हुए प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट परिसर की ओर बढ़े।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में सनातन धर्म का अपमान किया जा रहा है। बस्तर के पूर्व सांसद व भाजपा नेता दिनेश कश्यप ने कहा कि, कवर्धा में हिंदू समुदाय का एक सदस्य भगवा ध्वज लगा रहा था। तहसीलदार व पुलिस की मौजूदगी में ध्वज को उतारा गया। युवक के साथ मारपीट की गई। पूर्व और वर्तमान सांसद के खिलाफ भी कार्रवाई की गई।
छत्तीसगढ़ की सरकार गूंगी और बहरी है। केवल अपने वोट बैंक के लिए वह लोगों को आपस में लड़ जा रही है। भाजपा नेता संजय पांडे ने कहा कि, कवर्धा में प्रशासन ने सरकार के दबाव में आकर 200 हिंदुओं के ऊपर कार्रवाई की है। जो सरासर गलत है। आदिवासियों को गैर हिंदू बताकर हिंदू समाज को तोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
पुलिस ने लगाए 3 बैरिकेड्स, 2 को तोड़ घुसे कार्यकर्ता
जगदलपुर में प्रदर्शन के लिए लगातार उमड़ रही भीड़ को देखते हुए पुलिस ने कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचने वाले मुख्य मार्ग पर लगभग 3 बड़ी बैरिकेड्स लगाए थे। चप्पे-चप्पे में सैकड़ों जवानों की तैनाती भी की गई थी। लेकिन प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने दो बैरिकेट्स को तोड़ दिया। हालांकि तीसरे को नहीं तोड़ सके। इस बीच पुलिस और प्रदर्शन कारियों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई।
सड़क के बीच कुर्सी लगाकर बैठे केदार कश्यप
जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर घुसने से रोका तो छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता केदार कश्यप सड़क के बीचों बीच कुर्सी लगा कर बैठ गए। वहीं अन्य कार्यकर्ता जमीन पर बैठ नारे बाजी करते रहे। प्रदर्शनकारियों को मौके से हटाने के लिए पुलिस के भी पसीने छूट गए। जिला प्रशासन व पुलिस सभी को हटाने का भरसक प्रयास करती रही। लेकिन, इन पर भीड़ हावी हो गई।
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