प्रदेश में बच्चों को टीकाकरण दिवाली के पहले शुरू होने के पूरे आसार हैं। 2 से 18 साल तक के बच्चों के लिए कोवैक्सीन का ट्रायल हो चुका है। केवल नतीजों का इंतजार है। इसी माह मंजूरी मिल जाएगी। 12 से 18 साल तक की उम्र वालों के लिए जायडस के टीके का ट्रायल सफल हो चुका है। इसकी खरीदी के लिए एमओयू का इंतजार है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मंजूरी मिलते ही कोवैक्सीन और जायडस के टीके बच्चों को एक साथ लगाना शुरू किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार कोवैक्सीन के टीके 2 साल से 18 साल के आयुसमूह के सभी बच्चों को लगाए जाएंगे। कोवैक्सीन दवा निर्माता कंपनी ने 2 से 6 साल, 6 साल से 12 साल और 12 से 18 साल के बीच के बच्चों में इसका ट्रायल कर लिया है। किसी भी उम्र के बच्चे के ट्रायल के बाद किसी तरह की कोई बड़ी दिक्कत सामने नहीं आई है।
इस वजह से टीके को मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद है। विशेषज्ञों के अनुसार कोवैक्सीन की जितनी डोज 0.5 एमएल व्यस्क लोगों को लगाई गई है, उतनी ही मात्रा की डोज बच्चों को लगायी जाएगी। ट्रायल के दौरान सभी उम्र के बच्चों को इतनी ही मात्रा में डोज लगायी गई है। कोवैक्सीन टीके को बस नतीजों का इंतजार है। ट्रायल के नतीजे जारी होते टीकाकरण शुरू कर दिया जाएगा। जायडस का ट्रायल होने के साथ उसके नतीजे भी आ चुके हैं। इस टीके की केवल खरीदी की प्रक्रिया बाकी है। बच्चों के आधार कार्ड जरूर बनवा लें पैरेंट्स डॉ. निलय मोझरकर, इंचार्ज, पीडिया कोविड हॉस्पिटल प्रदेश में बहुत जल्दी ही प्रारंभिक तैयारियां शुरु हो जाएगी, केवल केंद्र से हरी झंडी मिलते ही सभी स्तर पर ये काम शुरु हो जाएगा।
मेरी सभी अभिभावकों को पहली सलाह यही है कि जिन बच्चों के आधार कार्ड नहीं वे जरूर बनवा लें, इससे टीकाकरण के समय कोई असुविधा नहीं रहेगी। दूसरी बात ये कि दोनों टीके की प्रक्रिया अलग-अलग है। जैसे जायडस कंपनी का टीके के तीन डोज लगाए जाएंगे, इसमें दूसरा डोज 28 दिन और तीसरा 56 दिन बाद लगेगा। वहीं कोवैक्सीन को अप्रूवल मिला तो कोवैक्सीन टीके में केवल दो ही डोज लगाए जाएंगे। यानी इसमें भी व्यस्कों की तरह 28 दिन ही बाद दूसरी खुराक लेना रहेगा। प्रदेश में अनुमानित रूप से 1 करोड़ से अधिक बच्चों को टीका लगाया जाना है। इसके लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर स्कूल जैसे शैक्षणिक संस्थानों तक हमारे पास पर्याप्त संसाधन हैं। वैक्सीनेटरों की संख्या भी पर्याप्त है।
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