राष्ट्रीय सुरक्षा पर मोदी सरकार की दिशाहीन नीतियों ने आंतरिक सुरक्षा और सीमाओं की रक्षा पर चिंता पैदा की
रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में माओवादियों द्वारा आईईडी विस्फोट में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 212 बटालियन नौ जवान शहीद हुये और दो घायल हुए। यह वामपंथी चरमपंथियों द्वारा हमारे सुरक्षा बलों पर एक और क्रूर हमला है। हम शहीदों के परिवारजनों के साथ एकजुटता व्यक्त करते हैं और उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रार्थना करते है। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सूरजेवाला ने कहा कि जब कांग्रेस-यूपीए की सरकार तो नक्सली हमलों की वजह से मौतें की संख्या घटकर आधे से भी कम रह गयी थी पिछले 14 वर्षों और 95 दिनों में, छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के नेतृत्व की भाजपा सरकार इस आंतरिक सुरक्षा मोर्चे पर बुरी तरह विफल रही।
हर बार जब नक्सल हमला होता है, तो मुख्यमंत्री ने ठोस कार्रवाई का वादा किया, लेकिन इन हमलों को रोकने के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया जा सका। श्री सूरजेवाला ने कहा कि केंद्र और छत्तीसगढ़ की दोनों ही बीजेपी की सरकारें नक्सलवाद से निपटने की नीति बनाने के मामले में पूरी तरह से विफल रही है। नक्सलवाद से लडऩे में छत्तीसगढ़ सरकार की पूरी ढिलाई और असमर्थता उजागर हो गयी थी, जब सुरक्षा विशेषज्ञ केपीएस गिल ने एक साक्षात्कार में कहा था कि यद्यपि रमन सिंह और भाजपा सरकार ने उन्हें राज्य में नक्सल विरोधी रणनीति का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया था, लेकिन उन्हें कुछ भी न करने और भत्तों और अपना वेतन लेने के लिए कहा गया था। श्री सूरजेवाला ने कहा कि नक्सली प्रभावित जिले में कांग्रेस-यूपीए ने एकीकृत कार्य योजना (आईएपी) शुरू की इस योजना के लिए धन तत्काल योजना आयोग द्वारा स्वीकृत किया गया था और 2013-14 में 13 हजार करोड़ रुपये विशेष रूप से निर्धारित किए गए थे, लेकिन मोदी सरकार ने इस योजना को पूरी तरह समाप्त कर दिया है।
2017 के सुकमा हमले के बाद, मोदी सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सल सुरक्षा के लिए एक हजार करोड़ रुपये पैकेज की घोषणा की, लेकिन उसका कोई ठोस क्रियान्वयन नहीं हो सका है। 2007 में, कांग्रेस सरकार ने भारत के 250 पिछड़े जिलों के लिए पिछड़ा क्षेत्र अनुदान फंड (बीआरजीएफ) नामक एक विशेष फंड तैयार किया था, लेकिन मोदी सरकार ने इसे भी समाप्त कर दिया। भाजपा अध्यक्ष अमितशाह ने पिछले साल नक्सलबाड़ी से भाजपा विस्तार योजना शुरू की थी। भाजपा विस्तार योजना बनाने और उस पर काम करने के बजाय नक्सलवाद से निपटने के लिए प्रधानमंत्री के साथ योजना बनाई गयी होती तो देश के लिये बेहतर होता। क्या छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार की कोई जवाबदेही का तंत्र है, जो 14 साल तक सत्ता में हैं और नक्सलवाद से निपटने में पूरी तरह असफल रहे हैं?
वर्ष हिंसक हमलों की संख्या शहीद जवानों की संख्या शहीद नागरिकों की संख्या
2015 – 1089 57 93
2016 – 1048 66 123
2017 – 908 74 109
2018 – (15.02.2018 तक) 122 14 12
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