नियमितीकरण और अनुकंपा नियुक्ति के लिए सफाई कर्मचारियों ने 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर दांडी यात्रा निकाली थी। अलग-अलग जिलों और कस्बों से निकले करीब 15 हजार आंदोलनकारी मंगलवार को राजधानी के ईदगाहभाठा में इकट्ठा हुए। यहां से उन्हें सीएम हाउस का घेराव करने निकलना था। सीएम हाउस से पहले तीन जगहों पर बैरिकेडिंग की गई थी जिन्हें प्रदर्शनकारियों ने तोड़ डाला। आनन-फानन में पूरे जिले की पुलिस फाेर्स तैनात करनी पड़ी। इस बीच पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झूमाझटकी भी हुई। सड़क पर हुए इस प्रदर्शन से आधे शहर का ट्रैफिक जाम रहा।
देर शाम स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव कमलप्रीत सिंह ने आंदोलनकारियों और कर्मचारी नेताओं से मुलाकात की। उनकी मांगों पर तत्काल कमेटी गठन का लिखित आदेश जारी किया गया, तब कहीं आंदोलनकारी शांत हुए। कमेटी 15 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
10 दिन में नियमितीकरण का वादा 1000 दिन बाद भी अधूरा
अंशकालीन सफाई कर्मचारी कल्याण संघ के अध्यक्ष संतोष खांडेकर, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष विजय झा ने बताया कि कांग्रेस चुनाव से पूर्व सफाई कर्मचारियों से वादा किया था कि 10 दिनों के भीतर नियमितीकरण किया जाएगा। आज सरकार बने 1000 दिन पूरे हो गए हैं, पर वादा पूरा नहीं हुआ।
पुलिस की व्यवस्था पर उठे सवाल
पहले सिर्फ लाखेनगर के पास बैरिकेडिंग की गई थी। आंदोलनकारी इसे तोड़कर आगे बढ़े तो बूढ़ापारा चौक और सप्रे शाला स्कूल के पास बैरिकेडिंग की गई। जिलेभर की फोर्स को तैनात किया गया, लेकिन आंदोलनकारी रूके नहीं। आखिर में सप्रे शाला के सामने की बैरिकेडिंग भी तोड़ दी गई। इससे पुलिस की व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
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