नवरात्रि उत्सव में रायपुर प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन के नियम इस बार भी काफी सख्त हैं। इनके मुताबिक सार्वजनिक दुर्गोत्सव समितियां पंडाल में केवल प्रतिमा स्थापित कर पाएंगी, झांकी बनाने की अनुमति नहीं होगी। गणेशोत्सव की तुलना में प्रशासन ने कुछ बड़ी प्रतिमाओं को अनुमति दी है।
अब शहर में 8 फीट तक की दुर्गा प्रतिमाएं स्थापित की जा सकेंगी। इसी तरह, देवी मंदिरों में जोत जलेगी लेकिन श्रद्धालुओं को जोत स्थल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है। गाइडलाइन के अनुसार दुर्गोत्सव में भी विसर्जन जुलूसों पर रोक है। विसर्जन के लिए प्रतिमाओं को जिस पिकअप में ले जाया जाएगा, उसमें 10 लोगों की ही इजाजत होगी। इसके अलावा, पूरे नवरात्रि उत्सव के दौरान किसी भी तरह के भोज-भंडारा और प्रसाद वितरण पर रोक लगाई गई है। गाइडलाइन की जांच करने के लिए कलेक्टर ने प्रशासन और निगम अफसरों की अलग से टीम बना दी है। यह टीम सभी जगहों पर जाकर इस बात की जांच करेगी कि नियमों का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है? नियम का पालन नहीं करने वालों पर तत्काल वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
दुर्गा प्रतिमाओं के पंडालों को लेकर भी इस बार नियम सख्त कर दिए गए हैं। पंडाल का साइज 15 बाई 15 से ज्यादा नहीं रखा जा सकता है। इतना ही नहीं पंडाल के सामने कम से कम 500 वर्गफीट की जगह खुली होनी चाहिए। पंडाल में किसी भी समय 50 से ज्यादा लोग एक साथ जमा नहीं हो सकेंगे। मंदिर परिसरों के भीतर तय जगह पर ही सभी ज्योत जलाए जाएंगे। ज्योत दर्शन के लिए दर्शन करने वाले या अन्य कोई भी व्यक्ति का उस जगह पर जाना पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। इसकी पूरी जिम्मेदारी मंदिर प्रबंधन समिति की होगी। कोरोना संक्रमण न फैले इसलिए मास्क, सेनिटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, सोशल-फिजिकल डिस्टेसिंग आदि की व्यवस्था भी समिति ही करेगी। इसके अलावा कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी।
नवरात्रि पर रायपुर कलेक्टर की सख्त गाइडलाइन विसर्जन में एक पिकअप में 10 लोगों को ही अनुमति
पंडाल में किसी भी समय 50 से ज्यादा एक साथ जमा नहीं होंगे
इन नियमों का पालन भी करना होगा
विसर्जन के समय या उसके बाद भोज, भंडारा, प्रसाद, चरणामृत या किसी भी तरह की खाद्य सामग्री नहीं बंटेगी।
मूर्ति विसर्जन के लिए एक से ज्यादा गाड़ी (टाटा एस-छोटाहाथी) और उसमें 10 से ज्यादा लोग नहीं रह सकेंगे।
विसर्जन गाड़ियों में कोई भी अतिरिक्त सजावट या झांकी की अनुमति नहीं होगी। अलग से गाड़ी भी नहीं जाएगी।
प्रतिमाओं और पूजन सामग्रियों का विसर्जन नगर निगम की ओर से निर्धारित विसर्जन कुंड में ही किया जा सकेगा।
शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन गाड़ियों को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। सभी वाहन रिंग रोड से गुजरेंगे।
सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय के पहले दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के किसी भी प्रक्रिया की अनुमति नहीं दी गई है।
मूर्ति स्थापना के लिए कम से कम 3 दिन पहले निगम से अनुमति लेनी होगी।
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