बारिश के दिनों में नेशनल हाइवे की दुर्दशा देखने को मिल रही है। NH में जगह-जगह हुए बड़े-बड़े गढ्ढे हादसों को आमंत्रित कर रहे हैं। वहीं शहरवासी सड़क की हुई दुर्दशा के खिलाफ विरोध जताने के लिए कई तरीके अपनाए जा रहे हैं। पानी से भरे गड्ढों में कैटवॉक के बाद अब बच्चों ने रंगोली व पेंटिंग बना कर जिम्मेदारों को गड्ढों से होने वाली परेशानियों के बारे में समझाया है। शुक्रवार को भिलाई पॉवर हाउस में नेशनल हाइवे के किनारे बच्चों ने पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की। उन्होंने अपनी पेंटिंग और रंगोली में सड़क में हुए गड्ढों की तस्वीर को उकेरा है।
इधर नेशनल हाइवे की दुर्दशा के विरोध में पिछले दो दिन से लगातार प्रदर्शन किया जा रहा है। एक दिन पहले यहां शहर की महिलाओं और युवतियों ने सड़क में हुए गड्ढों में भरे कीचड़ में कैट वॉक कर अपना विरोध दर्ज कराया था। इसके बाद शहर के हेयर कटिंग वालों ने सड़क पर ही सेलून लगाया और कुर्सी रखकर वहीं लोगों के बाल भी काटे थे। इस तरह के अनोखे प्रदर्शन का मुख्य उद्देश्य कुम्भकर्णी नींद में सोए हुए जिम्मेदारों को जगाना है।
10 के मुर्गे खाओगे तो ऐसी ही सड़क पाओगे – लगे नारे
NH की दुर्दशा को लेकर शहर वासियों ने कई तरह के नारे भी लगाए। उन्होंने कहा कि, “10-10 रुपए का मुर्गा खाओगे और 100-100 रुपए में बिक जाओगे तो ऐसी ही सड़क पाओगे”। इन नारों का इन्होंने पोस्टर भी बनवाया है। जिसे लेकर सड़क के किनारे दिनभर खड़े रहे। शहर वासियों के इस अनोखे प्रदर्शन की चर्चा भी जोरो से चल रही है।
शुक्रवार को कुछ जगहों पर की गई मरम्मत
शहरवासियों के द्वारा पिछले तीन दिनों से जन सहयोग से किए जा रहे इस प्रदर्शन का असर शुक्रवार को देखा गया। फ्लाई ओवर बना रही कंपनी ने सड़क की मरम्मत का कार्य भी शुरू कर दिया है। इसी के साथ ही प्रदर्शन में शामिल लोगों ने शहरवासियों को मिठाई बांटनी शुरू की। साथ ही शुक्रवार से प्रदर्शन को बंद करने की बात भी कही है।
प्रदर्शन को राजनीतिक रूप न देने की अपील
भाजपा नेता रिकेश सेन ने कहा कि, यह विरोध प्रदर्शन जनता के हित के लिए था। जनता का पूरा सहयोग मिला और इसमें उन्हें सफलता भी मिली। इस प्रदर्शन को किसी भी रूप में राजनीतिक दृष्टि से न देखा जाए। इसमें हमारी बहनों और बच्चों का काफी सहयोग मिला। इन्हीं के अथक प्रयास का फल है कि प्रशासन जागा है। विरोध का एक और बड़ा कारण यह था कि, अभी तक हम कोरोना में अपनों के जाने का गम भुला नहीं पाए और अब नेशनल हाइवे की खराब हालत से लोगों की जान जा रही है। इसलिए इसे लेकर प्रशासन को जगाना बहुत जरूरी था।
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