चंडीगढ़. पंजाब (Punjab) के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सरकारी दफ्तरों में ‘अनुशासन’ लाने की कवायद की है. उन्होंने सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को सुबह 9 बजे कार्यालय पहुंचने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि इस फैसले का मकसद सरकारी दफ्तरों में अनुशासन लाना है. चन्नी ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी. हफ्तों चले हाई वोल्टेज सियासी ड्रामे के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था.
चन्नी ने सरकारी दफ्तरों में पारदर्शिता लाने की बात पर जोर दिया. उन्होंने कर्मचारियों और अधिकारियों को सुबह 9 बजे दफ्तर पहुंचे और समय पूरा होने तक अपनी उपस्थिति दफ्तर में सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कर्मचारियों से जनता की समस्याओं को प्राथमिकता से निपटाने के लिए कहा है. चन्नी ने कहा, ‘उन्होंने कहा, ‘सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की आधिकारिक घंटों के दौरान कार्यालयों में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए, प्रशासनिक सचिवों और विभाग प्रमुखों को सप्ताह में दो बार औचक निरीक्षण करना चाहिए ताकि उनके अधीन काम करने वाले कर्मचारियों पर नजर रखी जा सके.’
सीएम ने प्रशासनिक सचिवों और विभागों के प्रमुखों को अपने-अपने दफ्तरों की गतिविधियों और रिकॉर्ड्स पर नजर रखने के लिए कहा है. इस दौरान उन्होंने साल 2015 में हुए बेअदबी मामले को लेकर भी जल्द न्याय होने की बात कही. उन्होंने कहा कि वे ‘गुरू साहिब’ के एक समर्पित सिख हैं और यह सहन नहीं कर सकते कि धार्मिक लेखों के अपमान के लिए जिम्मेदार अपराधी खुले आम घूमते रहें.
सरकार के एक आधिकारी बयान में सीएम ने चमकौर साहिब क्षेत्र के विकास के लिए 50 करोड़ रुपये की घोषणा की है. भाषा के अनुसार, चन्नी के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने सोमवार को सस्ती दरों पर रेत उपलब्ध कराने, अनुसूचित जाति, पिछड़ वर्ग और गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को 100 और बिजली यूनिट निशुल्क देने और ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की आपूर्ति निशुल्क करने पर चर्चा हुई. .शाम को यहां चन्नी की अध्यक्षता में पहली कैबिनेट बैठक हुई. करीब तीन घंटे तक चली बैठक में उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और ओपी सोनी समेत वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
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