इंटरनेट पर इन दिनों बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय खेल ‘फ्री फायर’ को लेकर खरोरा और उससे लगे आरंग क्षेत्र में ऐसा मामला सामने आया है, जिसने यहां के लोगों को चकित और चिंतित दोनों कर दिया है। इस ऑनलाइन गेम की लत के चक्कर में एक मासूम ने अपने ही घर से 85 हजार रुपए पर हाथ साफ कर दिया। इसके पहले भी घर से पैसे गायब हो रहे थे लेकिन रकम छोटी थी इसलिए उस पर शक नहीं हुआ।
घर के लोग समझ रहे थे कि आने जाने वाले लोग या नौकरों ने गायब हाथ साफ किए होंगे। अचानक जब पता चला कि घर के मासूम को ही चोरी करने की लत लग चुकी है तो पैरों तले जमीन खिसक गई। सारी चोरी पकड़ी घर में लगे सीसीटीवी कैमरे ने। दरअसल 16 साल के इस नाबालिग को यह लत लगी लॉकडाउन के दौरान जब वह ऑनलाइन क्लास के लिए मोबाइल का उपयोग करता था।
यानी कोरोना के बुरे असर में ऐसे मामले सामने भी आए होंगे पर बात पुलिस तक नहीं पहुंची है। इंटरनेट पर इन दिनों बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय खेल ‘फ्री फायर’ को लेकर आरंग थाने अंतर्गत समोदा का ये मामला सामने आया है। समोदा मोहल्ले की निवासी महिला ने घर में रखे 85000 रुपये के चोरी होने पर परेशान थी।
चूंकि महिला के मकान में सीसीटीवी कैमरा लगा है तो महिला व उसके परिवार वालों ने पहले कैमेरा चेक किया तो पाया कि पैसों की चोरी उसके 16 वर्षीय पुत्र ने ही की है। इसके बाद उसने थाने में शिकायत नहीं की। पूछने पर वह पहले उसे गुमराह करता रहा, फिर कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने बताया कि फ्री फायर गेम में वह पैसे हार गया है, जिसके बाद उसके परिजनों ने उसे बहुत समझाया व उससे मोबाइल भी ले लिया।
पिता की दुकान से पार किए 3 लाख
खरोरा में भी हो चुका है जहां 12 वर्षीय पुत्र अपने पिता के साथ दुकान जाता था व फ्री फायर गेम की लत के कारण रोजाना 3000-4000 दुकान से पार कर देता था। इस तरह उसने अपनी ही दुकान से 3 लाख रुपए चोरी कर लिए थे पर पिता ने शिकायत खरोरा थाने में नहीं कराई।
बच्चों को मोबाइल न दें : डॉ. सोहम
मामले में डॉ. सोहम श्रीवास्तव का कहना है कि स्क्रीन एडिक्शन के साइड इफ़ेक्ट के कारण बच्चों की पांचों इंद्रियां विकसित नहीं हो पातीं। बच्चों को मोबाइल देना ही नहीं चाहिए तथा बच्चों के बड़े होने के बाद भी उन्हें इसके सही इस्तेमाल के बारे में बताना चाहिए।
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