128 फ्रंटल संगठन के सक्रिय होने की जानकारी है गृह-मंत्रालय के पास
इस वक्त भारत के 19 राज्यों में माओवादियों के 128 फ्रंटल संगठन सक्रिय हैं। इनके खिलाफ राज्य सरकारों को अवैध गतिविधियां रोकथाम कानून 1967 की भाग 39 कार्रवाई का अधिकार मिला हुआ है। ये पुष्टि खुद सरकार के गृह मंत्रालय ने करते हुए हरियाणा, पंजाब, दिल्ली सहित 19 राज्यों से उनके क्षेत्रों में सक्रिय फ्रंटल माओवादी संगठनों का पूरा ब्योरा देने को कहा है। माओवाद के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने की तैयारी करते हुए केंद्रीय गृह-मंत्रालय ने बीते सप्ताह इस बाबत राज्यों को पत्र भेजा है।
भारत सरकार ने 19 राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को भेजे गोपनीय पत्र में कहा है कि वामपंथी आतंकवाद का मुख्य आधार उसके फ्रंटल संगठन हैं, जो लोगों की विचारधारा को प्रभावित करने में जुटे हैं। सीपीआई (माओवाद) और उसके फ्रंटल संगठन अवैध गतिविधियां (पी) एक्ट, 1967 के तहत आतंकी संगठनों के शेड्यूल में शामिल हैं। इन संगठनों के खिलाफ व्यवस्थित और संगठित कार्रवाई वामपंथी आतंकवाद के मददगार आधार को कमजोर करेगी। राज्य सरकारों के लिए जरूरी है कि वे इन संगठनों की गतिविधियों की गहराई में पहुंचे। पत्र में राज्यों से इन संगठनों को धन जुटाने के स्रोतों और संबंधित संगठन के ढांचे की जानकारी मांगी है।
राज्यों से मांगी गई जानकारी
0 संगठन में ओहदों की रूपरेखा, सदस्यों और गतिविधियों की जानकारी।
0 क्षेत्र में संगठन की अब तक गतिविधियों की जानकारी।
0 जिला और तहसील स्तर पर उनके दफ्तर और आपरेशन का ब्योरा
0 संगठन को मिल रहे धन और उसके स्रोतों की जानकारी।
0 माओवादी गतिविधियों में भाग लेने वाले सदस्यों की जानकारी।
0 जनवरी से अब तक संगठन के सदस्यों के खिलाफ दर्ज एफआईआर और जांच रिपोर्ट।
सौ से ज्यादा अग्रणी संगठन
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जो जानकारी इकट्ठा की है उसके मुताबिक पंजाब में 10, हरियाणा में 8, उत्तर प्रदेश में 2, उत्तराखंड में 2, दिल्ली में 9, गुजरात में 3, झारखंड में 17, उड़ीसा में 10, बिहार में 10, छत्तीसगढ़ में 6, आंध्र प्रदेश में 13, कर्नाटक में 12, महाराष्ट्र में 9, केरल में 4, पश्चि बंगाल में 9, तमिलनाडु में 4 संगठन हैं।
माओवादियों के सक्रिय संगठन
पंजाब में: जम्हूरी अधिकार संघ, क्रांतिकारी नारी सभा (संबंधित नारी मुक्ति संघर्ष समिति), किरती मजदूर यूनियन, लोक मोरचा, लोक संग्राम मंच, पंजाब रेडिकल स्टूडेंट्स यूनिट, ऑपरेशन ग्रीन हंट विरोधी जम्हूरी मंच, भारतीय किसान यूनियन-क्रांतिकारी, क्रांतिकारी पेंडू मजदूर यूनियन और नारी मुक्ति मंच।
हरियाणा में: दिशा सांस्कृतिक मंच, जन चेतना मंच, जागरूक छात्र मोरचा, क्रांतिकारी मजदूर किसान यूनियन, महिला मुक्ति मोरचा, नौजवान दस्ता, शहीद भगत सिंह किसान मंच और शिवालिक जनसंघर्ष मंच।
दिल्ली में: दिल्ली जनरल मजदूर फ्रंट, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन, नारी मुक्ति संघ, रेवोल्युशनरी डेमोक्रेटिकफ्रंट, विकल्प, फोरम अंगेस्ट वार ऑन पीपल, कमेटी फॉर रिलीज ऑफ पालिटिक्ल प्रिजनर्स, पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया और मेहनतकश मजदूर मोरचा।
यूपी में- नारी मुक्ति संघ और पीपल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ इंडिया।
उत्तराखंड में- रेवोल्युशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट और कमेटी फॉर रिलीज ऑफ पालिटिकल प्रिजनर्स।
झारखंड में: भारत नौजवान सभा, कम्युनिस्ट युवा लीग, डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स यूनियन, झारखंड मजदूर किसान संघर्ष संग्रामी परिषद, झारखंड एवन, झारखंड मुक्ति मंच, झारखंड लिब्रेशन फ्रंट, क्रांतिकारी किसान कमेटी, क्रांतिकारी बुद्धिजीवी संघ, मजदूर संगठन समिति, नारी मुक्ति संघ, नारी मुक्ति संघर्ष समिति, रेवोल्युशनरी स्टूडेंट लीग, श्रमिक संघर्ष मंच, ऑपरेशन ग्रीन हंट विरोधी नागरिक मंच और विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन।
गुजरात में: गुजरात वर्किंग क्लास विंग, क्रांतिकारी कामदार संगठन और नौजवान भारत सभा।
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