अनुकंपा नियुक्ति के लिए करीब 2 माह से संघर्षरत शिक्षकों की विधवाओं को राहत देने के लिए 3 दिन पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद अफसरों की एक कमेटी का गठन कर दिया गया है। यह कमेटी शिक्षाकर्मियों की अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित पात्रताओं और सेवा शर्तों का परीक्षण कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अपर मुख्य सचिव रेणु जी. पिल्लै इस समिति की अध्यक्षता करेंगी।
सामान्य प्रशासन विभाग ने सोमवार शाम को समिति गठन का आदेश जारी कर दिया। इसमें रेणु जी. पिल्लै के अलावा सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह और डीडी सिंह को भी शामिल किया गया है। समिति एक महीने में अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपेगी। उसके आधार पर ही शिक्षाकर्मियों के निधन वाले मामले में अनुकंपा नियुक्ति की दिशा तय होगी।
दिवंगत पंचायत शिक्षकों की विधवाएं 51 दिनों से कर रहीं प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ के दिवंगत पंचायत शिक्षकों की विधवाएं अनुकंपा नियुक्ति को लेकर पिछले 51 दिनों से रायपुर में प्रदर्शन कर रही हैं। बूढ़ा तालाब में चल रही उनकी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के दौरान वे सड़क से लेकर विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास तक जाने का प्रयास कर चुकी हैं। हर बार पुलिस ने सख्ती और लाठी के दम पर इन्हें रोक दिया है। गुरुवार को विधवा महिलाओं ने तो अग्नि समाधि लेने की कोशिश भी की थी।
क्वालिफिकेशन के नियम का पंगा
दिवंगत शिक्षकों की पत्नियां 12वीं पास हैं। किसी ने बीएड भी किया है। अब इन्हें टीजर एजिबिलिटी टेस्ट, D.ED के बिना अनुकंपा न दिए जाने का नियम बताया जा रहा है। दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ की अध्यक्ष माधुरी मृगे ने बताया कि चुनाव के समय कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कहा था कि सरकार बनने के बाद नियमों को शिथिल करेंगे। आपको नौकरी मिलेगी। माधुरी ने कहा कि हमारे साथ जो हुआ अचानक हुआ, कोई तैयारी तो नहीं करता है न कि पति मरे तो मैं पहले से ही सारे कोर्स कर लूं। हम चाहते हैं कि जिसकी जैसी योग्यता है उसे वैसा रोजगार सरकार दें।
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