नई दिल्ली. दो साल पहले तक चाइनामैन स्पिनर कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) वर्ल्ड क्रिकेट के सबसे खतरनाक स्पिनर्स में से एक माने जाते थे. कुलदीप यादव की फिरकी के सामने अच्छे-अच्छे बल्लेबाज पानी भरते थे और उनकी घूमती गेंदों ने टीम इंडिया और केकेआर को कई मैच जिताए लेकिन अब ये स्पिनर मैदान से ज्यादा बेंच पर ज्यादा दिखाई देता है. आकाश चोपड़ा (Aakash Chopra) से खास बातचीत में कुलदीप यादव ने अपने इसी दुख का इजहार किया. कुलदीप यादव ने कहा कि बेंच पर बैठे रहने से उन्हें बहुत दुख होता है और एक वक्त ऐसा आया था कि उन्हें अपनी प्रतिभा पर शक होने लगा था. कुलदीप यादव ने आकाश चोपड़ा को दिये इंटरव्यू में 5 बड़ी बातें कही, आइए डालते हैं उनपर एक नजर.
कुलदीप यादव का पहला बड़ा बयान-आईपीएल में आपसे बात नहीं की जाती. पिछली बार मुझसे बात नहीं की गई और ना ही मुझे मैच खिलाए गए, मैं थोड़ा हैरान था. ऐसा लगता है जैसे उन्हें आप पर भरोसा ही नहीं है. ऐसा लगता है कि आप मैच जिता ही नहीं सकते. जब विकल्प ज्यादा होते हैं तो ऐसी चीजें होती हैं. केकेआर के पास स्पिनर्स के बहुत विकल्प हैं
कुलदीप यादव का दूसरा बड़ा बयान- विदेशी कप्तान से बात बहुत कम होती है, वो आपको नहीं समझते हैं. लेकिन भारतीय कप्तान से आप खुलकर बोल सकते हो, पूछ सकते हो. रोहित शर्मा जैसे कप्तान से आप पूछ सकते हो कि बेहतर होने के लिए मुझे क्या करना है और टीम में मेरा क्या रोल है.
कुलदीप यादव का तीसरा बड़ा बयान- पिछले साल तक मैं अपनी गेंदबाजी के बारे में ज्यादा सोचता था. मुझे खुद पर शक हो रहा था, काफी चीजें दिमाग में आ रही थीं. हमेशा मैंने बेहतर करने की कोशिश की है. कभी-कभी आपको पता होता है कि आपको खेलना चाहिए. मुझे बाहर नहीं बैठना चाहिए लेकिन आपको कारण पता नहीं होता कि आप बेंच पर क्यों बैठे हैं.
कुलदीप यादव का चौथा बड़ा बयान- टीम में वापसी करना सबसे मुश्किल होता है, ये डेब्यू मैच से भी मुश्किल काम है. जब आप लगातार खेल रहे हों तो उतना दबाव नहीं होता लेकिन वापसी करने के बाद हर मैच में आप सोचते हो कि किसी तरह विकेट लो. बाहर बैठे रहना बहुत मुश्किल है. जब स्पिनर्स के लिए मुफीद पिच पर भी मौका नहीं मिलता तो मन में विचार आते हैं कि यहां नहीं तो कहां मिलेगा मौका.
कुलदीप यादव का पांचवां बड़ा बयान- श्रीलंका सीरीज बहुत अहम थी. इंग्लैंड के खिलाफ अच्छी सीरीज नहीं गई थी. मुझे लग रहा था कि डेब्यू कर रहा हूं. लेकिन जो खेल रहे थे वो भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे. लेकिन मैं अपनी प्रैक्टिस पर ध्यान दे रहा था. मुझे जहां मौका मिला, उसमें मुझे इतनी बॉलिंग नहीं मिली. श्रीलंका में मैच से पहले मुझे राहुल सर ने कहा था कि आपको आगे नहीं सोचनी है. जो होगा देखा जाएगा लेकिन अभी इस मैच पर ध्यान लगाओ. जो प्लान बनाया है उसी पर काम करो. वहां से मुझे थोड़ा आत्मविश्वास मिला और मैंने राहुल द्रविड़ की बात मानी.
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