राजधानी भोपाल में आत्महत्या का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे पढ़कर आपको हैरानी होगी। यहां एक प्रिंसिपल की बेटी ने सिर्फ इसलिये सुसाइड कर लिया क्योंकि उसके चचेरे भाई के लिये रेलवे में पदस्थ उसके पिता ट्रेन की टिकट बुक नहीं करा सके। टिकट बुक नहीं होने पर लड़की ने कहा था- आपके रेलवे में होने का क्या फायदा है, जब आप टिकट तक नहीं करवा सकते।
जिसको लेकर इसके पिता ने उसे डांटा। वह 3 दिन से पिता से बात तक नहीं कर रही थी। और नाराज़गी में वो फांसी के फंदे पर झूल गई।
दरअसल मिसरोद इलाके में रहने वाले रोहताश भटनागर रेलवे में हैं और डीआरएम ऑफिस में ओएस के पद पर पदस्थ हैं। उनकी पत्नी प्रेमलता भटनागर विदिशा में एक नर्सिंग कॉलेज में प्रिंसिपल हैं। इनकी 24 वर्षीय बेटी यशी भटनागर बीबीए कर रही थी। मिली जानकारी के मुताबिक बीते दिनों पहले यशी का चचेरा भाई भोपाल आया था। यशी ने अपने पिता को कहा कि उसके चचेरे भाई को दिल्ली जाने के लिये शताब्दी में रिजर्वेशन करा दो।
लेकिन बुकिंग फुल होने के कारण उसका टिकट नहीं हो पाया। इसे लेकर यशी ने पिता से कहा था कि रेलवे में होते हुए अगर टिकट नहीं करा सकते हो, तो रेलवे में होने का क्या फायदा है। इस कारण पिता ने उसे डांट दिया था। इससे वह नाराज थी। 3 दिन से वह उनसे बात भी नहीं कर रही थी। माता-पिता को लगा कि यशी थोड़ी गुस्सैल स्वभाव की है तो कुछ दिन में सही हो जाएगी लेकिन यशी इस बात से इतनी नाराज हुई कि उसने शुक्रवार को फांसी लगाकर जान दे दी।
पुलिस की पूछताछ में पिता ने बताया कि रात को रोजाना की तरह सभी खाना खाकर सोने चले गए। आधी रात करीब ढाई बजे उनकी पत्नी प्रेमलता की नींद खुली, तब पता चला कि यशी ने फांसी लगा ली है। इसके बाद पुलिस को घटना की सूचना दी गई।
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