अनुकंपा नियुक्ति के लिए लंबे समय से संघर्षरत शिक्षाकर्मियों और कोविड काल में सेवा देने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को सरकार ने राहत दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए एक कमेटी गठित करने का निर्देश दिया है। यह कमेटी शिक्षाकर्मियों की अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित पात्रताओं और कोविड स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा निरंतरता के लिए पात्रताओं और सेवा शर्तों का परीक्षण कर सरकार को रिपोर्ट सौंपेगी।
अधिकारियों की यह कमेटी अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों की समीक्षा और उनके निराकरण के लिए रिपोर्ट तैयार करेगी। इसी तरह कोविड-19 के दौरान सेवा में लिए गए स्वास्थ्य कर्मियों की सेवा-निरंतरता और उनकी सेवा शर्तां के लिए भी एक अलग कमेटी बनेगी। दोनों कमेटियों की रिपोर्ट पर सरकार की ओर से फैसला लिया जाएगा।
दिवंगत पंचायत शिक्षकों की विधवाएं 51 दिनों से कर रहीं प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ के दिवंगत पंचायत शिक्षकों की विधवाएं अनुकंपा नियुक्ति को लेकर पिछले 51 दिनों से रायपुर में प्रदर्शन कर रही हैं। बूढ़ातालाब में चल रही उनकी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के दौरान वे सड़क से लेकर विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास तक जाने का प्रयास कर चुकी हैं। हर बार पुलिस ने सख्ती और लाठी के दम पर इन्हें रोक दिया है। गुरुवार को विधवा महिलाओं ने तो अग्नि समाधि लेने की कोशिश भी की थी।
क्वालिफिकेशन के नियम का पंगा
दिवंगत शिक्षकों की पत्नियां 12वीं पास हैं। किसी ने बीएड भी किया है। अब इन्हें टीजर एजिबिलिटी टेस्ट, D.ED के बिना अनुकंपा न दिए जाने का नियम बताया जा रहा है। दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकम्पा संघ की अध्यक्ष माधुरी मृगे ने बताया कि चुनाव के समय कांग्रेस के बड़े नेताओं ने कहा था कि सरकार बनने के बाद नियमों को शिथिल करेंगे। आपको नौकरी मिलेगी। माधुरी ने कहा कि हमारे साथ जो हुआ अचानक हुआ, कोई तैयारी तो नहीं करता है न कि पति मरे तो मैं पहले से ही सारे कोर्स कर लूं। हम चाहते हैं कि जिसकी जैसी योग्यता है उसे वैसा रोजगार सरकार दें।
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