इस साल गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत 10 सितंबर को गणेश चतुर्थी से हो रही है और इसका समापन अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) के दिन होगा. भगवान गणेश की घर में स्थापना करने को लेकर भक्तों में उत्साह का माहौल है. विघ्नहर्ता की नियम पूर्वक स्थापना एवं उनकी पूजा का भी विशेष महत्व है. हिंदू पंचाग के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्म माना जाता है.
भगवान गणेश मंगलकारी देवता हैं और किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य को करने से पूर्व भगवान गणेश की पूजा अर्चना करना अनिवार्य होता है. भक्त पूरे साल का इंतजार करते हैं कि कब गणेश चतुर्थी आए और बप्पा की सेवा का मौका मिल सके. शुभ मुहूर्त में प्रथम पूज्य श्रीगणेश की सही पूजन विधि (Ganesh Puja) से की गई उपासना भक्तों को धन, धान्य और समृद्धि से परिपूर्ण करती है.
गणेश चतुर्थी पर पूजा का शुभ मुहूर्त
गणेश चतुर्थी शुक्रवार 10 सितंबर 2021
मध्याह्न गणेश पूजा का मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 02 मिनट से दोपहर 01 बजकर 32 मिनट तक
अवधि- 02 घंटे 29 मिनट
वर्जित चन्द्रदर्शन का समय- सुबह 09 बजकर 11 मिनट से शाम 08 बजकर 52 मिनट तक
अवधि- 11 घंटे 41 मिनट
चतुर्थी तिथि का प्रारम्भ- 10 सितंबर 2021 को 12 बजकर 18 मिनट से
चतुर्थी तिथि का समापन- 10 सितंबर 2021 को 09 बजकर 57 मिनट तक
गणेश चतुर्थी की पूजन विधि
– गणेश चतुर्थी के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठें और फिर स्नान करें
– गणेश जी की प्रतिमा घर लाएं और उसे पूजा स्थल पर स्थापित करें.
– बप्पा को उनकी प्रिय वस्तुएं मोदक, लड्डू और दूर्वा अर्पित करें.
– जब तक विनायक घर पर विराजे हैं तब तक नियम से दोनों पहर की पूजा अवश्य करें.
– पूजा में फल, फूल, पंचामृत, लाल कपड़ा, भोग, अक्षत, नारियल, पांचों मेवे, कलावा, लौंग को शामिल करें.
– लंबोदर की पूजा आरती से ही पूरी होती है इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
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