नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने पहली बार एक कॉर्पोरेट ब्रांड पर राष्ट्रविरोधी ताकतों (Anti-National Forces) के साथ संबंध होने का आरोप लगाते हुए बड़ा हमला किया है. बेंगलुरु स्थित आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) द्वारा विकसित वस्तु एवं सेवा कर (GST) और आयकर पोर्टलों में खामियों को लेकर आरएसएस से संबंधित साप्ताहिक पत्रिका ‘पांचजन्य’ (Panchajanya) ने पूछा है कि क्या कोई ‘राष्ट्र-विरोधी शक्ति’ इसके माध्यम से भारत के आर्थिक हितों को अघात पहुंचाने की कोशिश कर रही है. इसके साथ ही पत्रिका के जरिए इंफोसिस पर ‘नक्सलियों, वामपंथियों और टुकड़े-टुकड़े गैंग’ की मदद करने का आरोप लगाया गया है.
अभी तक इस तरह के हमले व्यक्ति विशेष, किसी राजनीतिक पार्टी या उसके कार्यकर्ता और संस्था विशेष के कुछ वर्गों पर किए जाते थे. ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी कॉर्पोरेट कंपनी पर इतना बड़ा हमला किया गया है. अपने नवीनतम संस्करण में, ‘पांचजन्य’ ने इंफोसिस ‘साख और अघात’ शीर्षक से चार पेज की कवर स्टोरी प्रकाशित की है और कवर पेज पर इसके संस्थापक नारायण मूर्ति की तस्वीर छापी है.
लेख में बेंगलुरु स्थित कंपनी पर हमला किया गया है और इसे ‘ऊंची दुकान, फीका पकवान’ बताया गया है. बता दें कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और आयकर पोर्टल को 7 जून को शुरू किया गया था. तब से अब तक करदाताओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पिछले महीने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख को तलब किया था और कंपनी को इन गड़बड़ियों को ठीक करने के लिए 15 सितंबर तक का समय दिया था. बता दें कि इंफोसिस को 2019 में ठेका मिला था.
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