धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, ये बात सिगरेट बनाने वाले भी जानते हैं, बेचने वाले भी और इसे पीने वाले भी. और एक बार अगर इसकी लत लग जाए तो किसी के लिए इसे छोड़ना आसान नहीं होता.
इसलिए लोग कई कारणों से इसे छोड़ने के प्रयास करते हैं, जिन लोगों की इच्छाशक्ति मजबूत होती है वो इसे छोड़ने में सफल भी हो जाते हैं, लेकिन कुछ लोगों के लिए सिगरेट की तलब उनकी इच्छाशक्ति पर हावी हो जाती है और वो इसे छोड़ नहीं पाते हैं. सिगरेट पीने वालों को लेकर हुई एक स्टडी के दिलचस्प नतीजे सामने आए है.
सूत्रों के मुताबिक फ्रांस की यूनिवर्सिटी ऑफ बरगंडी (University of Burgundy) के रिसर्चर्स द्वारा की गई स्टडी में पता चला है कि वैसे तो सिगरेट पीने वालों में पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम हैं. लेकिन इस लत को छोड़ना महिलाओं के लिए ज्यादा कठिन है.
यह अध्ययन 37 हजार 949 लोगों पर किया गया. इसमें महिलाओं की संख्या 16 हजार 492 थी यानि 43.5 प्रतिशत. जबकि पुरुषों की संख्या 21 हजार 457 थी, यानि 56.5 प्रतिशत रही.
कॉलेस्ट्रॉल, बीपी, शुगर वालों की संख्या
सर्वे में शामिल महिलाओं में हाई कॉलेस्ट्रॉल वाली महिलाओं की संख्या 30 प्रतिशत थी जबकि पुरुषों की 33 प्रतिशत थी. यानि हाई कॉलेस्ट्रॉल के मामले में पुरुष ज्यादा थे. वहीं हाई बीपी के मामले में पुरुषों की संख्या महिलाओं से अधिक थे. इनमें 26 प्रतिशत पुरुष हाई बीपी वाले थे जबकि महिलाएं 23 प्रतिशत थीं. डायबिटीज से ग्रसित पुरुष भी महिलाओं की तुलना में 3 प्रतिशत अधिक थे.
अवसाद व मोटापा महिलाओं में अधिक
सर्वे में शामिल महिलाओं में मोटापा 27 प्रतिशत देखा गया और पुरुषों में 20 प्रतिशत. वहीं अवसाद व बेचैनी महिलाओं में 37.5 प्रतिशत देखी गई, जबकि पुरुषों में ये आंकड़ा 25.5 प्रतिशत रहा. अब बात औसत सिगरेट की खपत और निकोटिन पर निर्भरता की करें तो इस मामले में पुरुषों का प्रतिशत महिलाओं से ज्यादा रहा. स्टडी में महिलाओं में औसत सिगरेट खपत 23 रही जबकि पुरुषों में यह संख्या 27 रही. वहीं सिगरेट पर महिलाओं की निर्भरता 56 रही जबकि पुरुषों में यह संख्या 60 रही.
धूम्रपान छोड़ने की दर महिलाओं में कम
यह स्टडी ईएसपी कांग्रेस (European Congress of Pathology) कांग्रेस 2021 में प्रस्तुत की गई है. इस स्टडी की मेन राइटर और यूनिवर्सटी ऑफ बरगंडी से पीएचडी कर रहीं इंग्रिड अल्लागबे ने बताया कि उन्होंने अपने शोध में पाया है कि धूम्रपान की आदत छुड़वाने वाली सेवाओं की मदद लेने वाली महिलाओं में मोटापा, अवसाद और बेचैनी जैसी विकृतियां (Distortions) पुरुषों की तुलना में ज्यादा थी और उनमें धूम्रपान छोड़ने की दर कम थी.
धूम्रपान से लगातार 28 दिनों तक परहेज की सेल्फ रिपोर्टिंग की पुष्टि कार्बन मोनोऑक्साइड 10 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) की माप से की गई. उन्होंने कहा, हमारे अध्ययन का निष्कर्ष है कि कम सिगरेट पीने और निकोटिन डिपेंडेंट पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या कम होने के बावजूद महिलाओं के लिए सिगरेट छोड़ना ज्यादा कठिन रहा. ऐसा महिलाओं में ज्यादा बेचैनी या अवसाद तथा अधिक मोटापे की वजह से हो सकता है.
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