नई दिल्ली. पूंजी बाजार नियामक सेबी (SEBI) आज से स्टॉक ट्रेडर्स (Stock Traders) के लिए नए नियम लागू कर रहा है. इसके तहत आज से 100 फीसदी मार्जिन के नियम (New Margin Rules) पूरी तरह लागू हो रहे हैं. अब कैश और फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (Cash and FnO) में पूरा मार्जिन देना होगा. इससे ट्रेडर्स की दुनिया पूरी तरह बदलने वाली है. दरअसल, अब ट्रेडर्स को 100 फीसदी अपफ्रंट मार्जिन देना होगा यानी कैश और एफएंडओ दोनों पर पूरा मार्जिन देना होगा. साथ ही इंट्राडे ट्रेडिंग (Intra-day Trading) में भी पूरा मार्जिन देना होगा. किसी भी समय मार्जिन घटने पर पेनाल्टी (Penalty) भरनी होगी.ब्रोकर ज्यादा से ज्यादा कितना मार्जिन देंगे?
कैश में वैल्यू ऐट रिस्क मार्जिन (VaR Margin) और एक्स्ट्रीम लॉस मार्जिन (ELM) का जोड़ यानी 20 फीसदी मार्जिन होगा. ब्रोकर 5 गुना से ज्यादा मार्जिन नहीं दे सकेगा. फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में स्पैन एक्सपोजर मार्जिन (Span Exposure Margin) लगेगा. अब एफएनओ में इंट्राडे में भी नॉर्मल मार्जिन लगेगा. एक तरह से मार्जिन इंट्राडे स्कवायर ऑफ प्रोडक्ट (MIS Product) का कोई मतलब नहीं रह जाएगा.
जोखिम घटने पर भी नाराज हैं क्यों ट्रेडर्स?
सेबी ट्रेडर्स का जोखिम घटाने के लिए 100 फीसदी मार्जिन का नियम लागू कर रहा है. दरअसल, कई ब्रोकर इंट्राडे में 50 गुना तक मार्जिन देते थे. इसके अलावा ब्रैकेट या बास्केट ऑर्डर के जरिये भारी मार्जिन देते थे. भारी मार्जिन से ट्रेडर का जोखिम बढ़ता है. यहां तक कि ब्रोकर्स के डिफॉल्ट होने का खतरा भी रहता है. हालांकि, इन नियमों के लागू होने से मार्जिन का फायदा खत्म हो जाएगा. ट्रेडर्स कम पैसे में बड़ी पोजिशन नहीं ले पाएंगे. नए नियमों से ट्रेडिंग के वॉल्यूम पर असर पड़ सकता है. वॉल्यूम घटने से लिक्विडिटी पर असर पड़ सकता है. ट्रेडिंग में स्लिपेज बढ़ने का खतरा भी है. इसलिए ट्रेडर्स नए नियमों को लेकर नाराज हैं.
ऑप्शंस ट्रेडर्स पर क्या पड़ेगा असर?
पूंजी बाजार नियामक ने पिछले साल नए नियम लागू किए थे. नेकेड ऑप्शन सेलिंग में मार्जिन बढ़ा दिया था. हेज्ड पोजिशन पर मार्जिन में भारी कमी की गई है. हेज्ड पोजिशन पर जोखिम घटने का फायदा मिला है. सेलर आउट ऑफ द मनी ऑप्शन (OTM Options) खरीदकर मार्जिन घटा सकते हैं. नए नियमों के लागू होने से ऑप्शंस में ट्रेडिंग करने वालों पर कोई असर नहीं पड़ेगी.
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