बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने एक मामले में अहम फैसला सुनाया। विवाह से नाराज एक महिला ने अदालत में तलाक का मामला विचाराधीन होने के बावजूद दो मैट्रिमोनियल साइट पर अपना प्रोफाइल बना कर दूसरे विवाह की तैयारी शुरू कर दी।
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने औरंगाबाद के एक शख्स को तलाक देने का ऑर्डर दिया है। उसकी पत्नी ने दूसरी शादी के लिए दो वैवाहिक वेबसाइटों पर अपना प्रोफाइल अपलोड कर दिया था, जबकि उनकी तलाक की कार्यवाही अकोला की एक पारिवारिक अदालत में लंबित थी।
न्यायमूर्ति एएस चंदुरकर और न्यायमूर्ति जीए सनप की खंडपीठ ने कहा कि प्रोफाइल को अपलोड करना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि उसने “अपने अलग हो चुके पति से छुटकारा पाने का फैसला किया है।” और परिवार के तलाक पर फैसला करने से पहले ही दोबारा शादी कर ली।
दस्तावेज़ के आधार पर, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि वह अपीलकर्ता से छुटकारा पाना चाहती थी और दूसरी शादी करना चाहती थी। इस जोड़े ने जुलाई 2014 में शादी की थी और पंजिम में रह रहे थे। जहां उस समय पति तैनात थे। इसका संज्ञान लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने इसे पति पर मानसिक क्रूरता करार दिया है।
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