रायपुर: छत्तीसगढ़ में इन दिनों बॉयो डीजल के नाम पर बेस ऑयल के अवैध कारोबार का जाल फैलता जा रहा है। इससे अनुज्ञापत्र धारी पेट्रोल पंप मालिक परेशानी में हैं। हालांकि इस अवैध कारोबार की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार भी गंभीर है। बेस ऑयल के अवैध कारोबार की सख्ती से रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित एक अधिसूचना जारी की गई हैं।
दरअसल बेस ऑयल के अवैध कारोबार ने डीजल की बिक्री के समीकरण गड़बड़ा दिए हैं। सबसे आश्चर्य जनक वाली बात यह हैं कि प्रदेश में बायो डीजल का उत्पादन ही नहीं हो रहा हैं इसके बावजूद बड़ी मात्रा में बॉयो डीजल के नाम पर बेस ऑयल बेचा जा रहा हैं। पंप संचालक घटती डीजल की बिक्री से परेशान हैं वहीं ट्रक ट्रेक्टर एवं अन्य गाडिय़ों के इंजन घटिया डीजल के कारण खराब होने लगें हैं।
जानकारी के अनुसार डीजल के नाम पर इन दिनों आयातित बेस ऑयल बेचा जा रहा हैं। बता दें की बेस ऑयल डीजल की अपेक्षा 30 से 35 रुपये प्रति लीटर सस्ता पड़ता हैं। इस अवैध कारोबार को करने वाले लोगों ने पूरे छत्तीसगढ़ में अपना जाल फैला लिया है और अब इसकी बिक्री के लिए नये नये तरीके भी विकसित कर लिए हैं।
खबर यह हैं कि बड़ा टैंकर एक जगह खड़ा कर छोटे पोर्टेबल टैंकर के माध्यम से बेस ऑयल बेच रहे हैं। गौर करने वाली बात यह हैं कि री-साइकिल्ड ऑयल एसिड से बनता हैं यही नकली बेस ऑयल डीजल के नाम पर बेचा जा रहा हैं। नकली बायो डीजल दरअसल गुजरात के आनंद जिले के एक कारखाने में तैयार होकर अवैध तरीके से छत्तीसगढ़ में आने की जानकारी मिली हैं।
बताया जाता हैं कि इस कारखाने में अवैध रूप से बॉयो डीजल को बनाने के लिए रॉ मटेरियल के रूप में री-साइकिल्ड (ट्रक व अन्य वाहनों में उपयोग लेने के बाद बेकार हो चुका ऑयल) और ऑयल केटालिस्ट के रूप में एसिड का उपयोग किया जाता हैं इसी के जरिए यह अवैध बॉयो डीजल बनता हैं।
इधर छतीसगढ़ की भूपेश सरकार ने प्रदेश में बेस ऑयल के अवैध करोबार को बड़ी गंभीरता से लिया है। इसकी सख्ती से रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) प्राधिकार से प्रकाशित एक अधिसूचना जारी की गई हैं इस अधिसूचना प्रतिलिपि 24 अगस्त 2021 को राजीव कुमार जायसवाल अपर संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग रायपुर द्वारा उचित कार्यवाही करने के संबंध में सचिव, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग मंत्रालय रायपुर,समस्त संभागीय आयुक्त छत्तीसगढ़, समस्त खाद्य नियंत्रक/खाद्य अधिकारी छत्तीसगढ़ की ओर से आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित किया हैं।
अधिसूचना के अनुसार जो दिशा निर्देश जारी किए गए हैं उनमें कंडिका 4 (1) में जैव डीजल (बी 100) की खुदरा बिक्री हेतु अनुमति के लिए प्राधिकृत अधिकारी जिला कलेक्टर होंगे। कंडिका 4 (10) में जैव डीजल की बिक्री करने वाले खुदरा बिक्री केंद्रों की जांच , प्रवेश, तलाशी, अधिग्रहण करने आदि के लिए है।
छत्तीसगढ़ शासन के खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग का कोई भी अधिकारी जो खाद्य निरीक्षक के पद से निम्न पद का ना हो या राजस्व विभाग का कोई अधिकारी जो नायब तहसीलदार के पद से निम्न पद का ना हो या पुलिस विभाग का कोई अधिकारी जो उपनिरीक्षक के पद से निम्न पद का ना हो या राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत तेल कंपनी या तेल कंपनी का कोई ऐसा अधिकारी जो विक्रय अधिकारी से निम्न पद का ना हो,
परिवहन प्रयोजन हेतु हाई स्पीड डीजल के साथ मिश्रण के लिए जैव डीजल की बिक्री हेतु दिशा निर्देश 2019 के उपबंधों के अनुपालन को सुनिश्चित करने की दृष्टि से खुदरा बिक्री केंद्रों की जांच ,प्रवेश, तलाशी, अभिग्रहण आदि कर सकेगा।बता दे कि अधिसूचना की कंडिका 4 (15) के प्रावधान के क्रियान्वयन हेतु राज्य में जैव डीजल के खुदरा विक्रेताओं द्वारा जिन जैव डीजल विनिर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं से जैव डीजल प्राप्त किया जाएगा,
उनका ऑनलाइन पंजीयन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की बेवसाइट पर होगा, ततपश्चात ही इनके द्वारा खुदरा विक्रेताओं को जैव डीजल की आपूर्ति की जा सकेगी।वहीं कंडिका 4 (15) के अनुपालन में प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जैव डीजल की खुदरा बिक्री हेतु अनुमति नहीं दिए जाने से संबंधित शिकायत का समाधान सचिव, छत्तीसगढ़ शासन खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की अध्यक्षता में गठित अपीलीय प्राधिकरण द्वारा की जाएगी जिसमे संचालक खाद्य तथा सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के एक-एक प्रतिनिधि सदस्य के रूप में शामिल होंगे
खाड़ी देशों से शिप में आ रहा नकली डीजल
सूत्रों से यह पता चला हैं कि खाड़ी देशों से बेस ऑयल डीजल (नकली डीजल) समुद्री मार्ग से शिप द्वारा गुजरात भारत मे पहुँच रहा हैं। जहां से उड़ीसा लाया जाता हैं यहां कुछ प्रोसेस के बाद सीधे छत्तीसगढ़ में इसकी सप्लाई उन बड़ी फैक्ट्री या कारखानों में की जा रही हैं जिनके पास अपना कंजूमर डीजल पंप हैं यहां से बड़े टेंकरो के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जिलों में इसे भेजा जाता हैं।
चुकी डीजल से बेस ऑयल डीजल करीब 30-35 रुपये प्रति लीटर सस्ता पड़ता हैं इसलिए इसकी खपत लगातार बढ़ती जा रही हैं। यह एक प्रकार से अवैध कारोबार हैं और इसमें मुनाफा भी ज्यादा है।बेस ऑयल डीजल की काली कमाई के हिस्सेदार भी अधिक है या फिर यह कहे कि पूरा काम सरकारी अमले की जानकारी में एक चैनल की तरह हो रहा हैं। इस बात की जानकारी छत्तीसगढ़ पेट्रोल डीजल एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल द्वारा प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाक़ात कर दी हैं।
भूपेश सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है औऱ बेस ऑयल डीजल के रोकथाम के लिए सख्त निर्देश दिये हैं। इस निर्देश के बाद केवल रायगढ़ के अंतर्गत आने वाले डिंडोरी में एक टैंकर को खाद्य विभाग की टीम ने नकली डीजल की सूचना के आधार जांच करने के लिए पकड़ा जो किसी फैक्ट्री में ले जाया जा रहा था।
इस टैंकर में करीब 30 हजार लीटर तेल था इसका सेंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया हैं। फिलहाल जब्ती की कार्यवाही की गई हैं। प्रदेश में जिस रफ्तार से बेस ऑयल डीजल की रोकथाम के लिए कार्यवाही होनी चाहिए वह एकदम धीमी हैं। इसके पीछे का कारण गंभीरता से समझना होगा।
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