रायपुर. शासकीय योजनाओं का बंदरबांट का नजारा देखना है तो प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojna) से अच्छा नमूना आप को कहीं देखने को नहीं मिलेगा. अधिकारियों की लापरवाही ऐसी की छत्तीसगढ़ के 58 हजार 289 अपात्र किसानों को 3 सौ 56 करोड़ 96 हजार की राशि आंख मूंदकर वितरीत कर दी गई.
अब अधिकारियों को वसूली करने में पसीने छुट रहे है. शासन की कोई भी योजना हो जरूरतमंद और पात्र लोगों के लिए बनाया जाता है. किसानों को प्रोत्साहन राशि कहें या फिर मनोबल बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार ने किसान सम्मान निधि राशि देने के ऐलान किया.
राशि को लेने छत्तीसगढ़ सहित पूरे देशभर के किसानों ने आवेदन किया. बिना वेरिफिकेशन अधिकारियों ने किसानों के खाते में रकम डाल दिया. अब उन अपात्र किसानों के खाते से राशि वसूल करने में अधिकारियों का पसीना छूट रहा है. राशि इतनी की आप भी हैरान रह जाएंगे.
कहां-कहां से होगी राशि की वसूली
छत्तीसगढ़ में 58289 किसानों से 3 सौ 56 करोड़ 96 हजार की वसूली करनी है
असम से 835268 किसानों से -5540172000 की रिकवरी
आंध्र प्रदेश से 101363 अपात्र किसानों से 720116000 रिकवरी
कर्नाटक से 208705 किसानों से 1293216000 की रिकवरी
सिक्किम से 1 किसान -10000
लक्ष्यद्वीप से 5 किसान-28000
महाराष्ट्र से -445497-3579480000 रिकवरी
मध्य प्रदेश से -251391-1957038000
इस तरह 36 राज्यों से 42 लाख 16 हजार 643 किसानों से होगी रिकवरी, 2992 करोड़, 75 लाख 16 हजार अपात्र किसानों से रिकवरी किया जाना है.
किसान नेता बोले- अधिकारियों की गलती
किसान नेता और प्रदेश संयोजक सहकारिता प्रकोष्ठ शशिकांत द्विवेदी का कहना है कि यह अधिकारियों की गलती की वजह से अपात्र किसानों के खाते में राशि गई है. ऐसे में राज्य सरकार को लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करना चाहिए.
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने इस मामले पर केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार भ्रम की स्थिति में है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि किसानों के लिए हर बार नए नए नियम बनाए जाते है. 31 लाख किसानों ने पंजीयन कराया. मगर एकमुश्त किसी को राशि नहीं दी गई. रोज नए दस्तावेज की मांग करते हैं. केन्द्र सरकार को एक निर्णय करना चाहिए. राशि की वसूली करना दुरभाग्य जनक है.
किसान राजनीति दलों के लिए केन्द्र बिन्दु है. इतनी मोटी रकम अपात्र किसानों के खाते में डाल दी गई है. अब रिकवरी कैसे होगी, कौन करेगा, इसके लिए कोई ना तो आदेश हुए है ना ही कोई दिलचस्पी ले रहा है. वहीं लाखों पात्र किसान अभी भी किसान सम्मान निधि के लिए राह तक रहे हैं.
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