कोरबा: 40 करोड़ की लागत से नगर निगम के द्वारा तैयार किए गए फोरलेन ने लोगों को राहत जरूर दी है लेकिन इसके चलते ढोढ़ीपारा में कई तरह की समस्याएं कायम है। सडक़ के किनारे पिचिंग नहीं किए जाने से बरसाती पानी के साथ-साथ मिट्टी का प्रवेश सरकारी अस्पताल के साथ-साथ लोगों के घरों में हो रहा है।
इसके कारण लोगों की समस्याओं में इजाफा हो गया है। नाराज लोगों ने ऐलान किया है कि अगर जल्द ही इस समस्या का हल नहीं निकाला गया तो वह फोरलेन पर चक्का जाम करने के लिए मजबूर होंगे।
सीएसईबी से मेजर ध्यानचंद चौराहे तक फोरलेन सडक़ का निर्माण नगर पालिक निगम कोरबा के द्वारा कराया गया है। लगभग 3 वर्ष में या काम पूरा हो चुका है । नगर निगम ने गुजरात की एक कंपनी को या काम ठेके पर दिया था। 40 करोड़ की राशि सडक़ निर्माण के साथ-साथ स्ट्रीट लाइट, डिवाइडर और ट्री प्लांटेशन के लिए खर्च की गई।
इसी के साथ सडक़ के दोनों तरफ रिहायशी क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए सर्विस रोड भी विकसित किया जाना था। इसी को लेकर वर्तमान में शिकायतें बनी हुई है । थोड़ीपारा मैं सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के अलावा कई गली मोहल्लों में फोरलेन सडक़ से बहता हुआ पानी नीचे पहुंच रहा है।
इसी के साथ मिट्टी भी आगे बहते हुए कीचड़ की स्थिति उत्पन्न कर रही है। इसके चलते लोगों की परेशानी काफी बड़ी हुई है। वह अपने स्तर पर इस समस्या को कंट्रोल करने के काम में लगे हुए हैं लेकिन बारिश के सीजन में समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। इसके चलते कई लोग अपनी हड्डी भी फैक्चर करवा चुके हैं ।
उन्होंने बताया कि इस बारे में कई बार महापौर से लेकर आयुक्त और अन्य अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। हर किसी ने समस्या को लेकर आश्वासन जरूर दिया है लेकिन काम नहीं किया इसलिए अब वे आंदोलन करने के मूड में हैं।
वार्ड क्रमांक 15 के अंतर्गत बनी हुई इस समस्या को लेकर क्षेत्र के पार्षद धन साय साहू ने बताया कि इस बारे में उन्होंने भी अधिकारियों को अवगत कराया है कार्रवाई करने की बात जरूर कही गई थी लेकिन इसके बाद आगे कोई काम नहीं हो सका इसलिए लोग परेशान हैं ऐसी स्थिति में अगर लोग आंदोलन करते हैं तो इसके लिए वे स्वतंत्र हैं।
वार्ड में जिस तरह की समस्या बनी हुई है उससे लोग परेशान चल रहे हैं। स्थानीय लोगों ने समस्या बताने के साथ आगे के लिए अपने इरादे साफ कर दिए हैं । फोरलेन सडक़ जाम होने से पहले यहां से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए नगर निगम के अधिकारियों के द्वारा कोई कार्यवाही की जाती है यह निगम पर निर्भर करता है।
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