मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus In India) की दूसरी लहर नियंत्रित तो हो गई है, लेकिन पोस्ट कोविड (Post Covid Complications) ओपीडी में अभी भी मरीजों की भरमार है. कोविड से उबरने के बाद भी लोग अलग-अलग बीमारियों का सामना कर रहे हैं. इसमें सबसे ज्यादा संख्या उनकी है जो बेचैनी, थकान का सामना कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला भांडुप निवासी प्रभावति निल्वे का है. 50 वर्षीय निल्वे ने बताया कि वह सुबह 6.30 बजे सुबह उठती हैं, लेकिन सुबह उठने के लिए उन्हें बहुत ताकत लगानी पड़ती है. निल्वे के अनुसार रोज सुबह कम से कम 2 घंटे ताकत इकट्ठा करने के बाद वह उठ पाती हैं. 50 वर्षीय निल्वे इस साल जनवरी में संक्रमित हुईं थीं. उन्होंने कहा- ‘कमजोरी मुझे चिड़चिड़ा बना रही है.’
निल्वे ने कहा कि संक्रमण से उबरने के 8 महीने बीतने को हैं लेकिन अभी तक वह पोस्ट कोविड समस्याओं से जूझ रही हैं. अन्य संक्रमितों की तरह निल्वे पर भी वायरस के कई असर पड़े. पोस्ट कोविड ओपीडी में उनका भी यही सवाल होता है कि ‘आखिर उनके शरीर में सब कुछ ठीक क्यों नहीं है.’
अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार संक्रमित पाए जाने के 5 दिन बाद निल्वे को चेंबूर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टर्स ने बताया कि संक्रमण उनके फेफड़े तक पहुंच गया था. इलाज के दौरान उन्हें स्टेरॉयड्स, एंटीबायोटिक्स और रिमेडिसविर दी गई. डिस्चार्ज के बाद उन्हें अच्छा महसूस हुआ लेकिन उनका शुगर लेवल और बीपी काफी ज्यादा हो गया. मई में उनकी धड़कन, कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ इतनी बढ़ गई कि उन्हें चार दिनों के लिए एक स्थानीय नर्सिंग होम में भर्ती कराना पड़ा.
एक्सरसाइज के अलावा न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स लेने की सलाह
रिपोर्ट के मुताबिक निल्वे ने कहा ‘मेरे फैमिली डॉक्टर ने मुझे बताया कि जो लक्षण मुझे हैं वो सभी पोस्ट कोविड असर हैं. मैं चिड़चिड़ी हो गई हूं. कभी-कभी, लोगों के साथ बातचीत करना मेरे लिए कठिन होता है. बालों के गिरने से भी परेशान हूं.’ निल्वे की जांच करने वाली संक्रामक रोग सलाहकार डॉ. कीर्ति सबनीस के अनुसार, लगभग 30% रोगियों को कमजोर कर देने वाली थकान, नहाने, खाना पकाने, चलने को लेकर दिक्कत हुई. कुछ मामलों में, लक्षण दो से छह महीने तक बने रहते हैं.
सबनीस ने कहा उन्होंने एक दंपति का इलाज किया. वो जुलाई में कोविड -19 संक्रमित हुए थे. इस मामले में पति ठीक हो गया था, लेकिन पत्नी को इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिया गया जिससे उसे हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत हो गई. स्टेरॉयड दिए जाने के बाद आमतौर पर मरीजों में हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होती है. इससे निजात पाने के लिए आपको एक्सरसाइज के साथ कम कार्बोहाइड्रेट वाली डाइट लेनी हीगा.’
पोस्ट कोविड ओपीडी में पहली बार पहुंचने के लिए मरीजों को ब्लड टेस्ट्स भी गुजरना पड़ता है. फेफड़ों पर संक्रमण के असर की बेहतर समझ के लिए एक्स-रे, पीएफटी, और हाई रिज़ॉल्यूशन सीटी (एचआरसीटी) स्कैन किया जाता है. आमतौर पर पोस्ट-कोविड क्लीनिक रोगियों को फेफड़ों के बेहतर काम करते रहने के लिए सांस लेने की एक्सरसाइज के अलावा न्यूट्रिशनल सप्लिमेंट्स लेने की सलाह देते हैं. फोर्टिस अस्पताल के क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट और महाराष्ट्र के कोविड-19 टास्क फोर्स के सदस्य डॉ राहुल पंडित ने कहा, ‘सीधे शब्दों में कहें तो पोस्ट-कोविड केयर में एक व्यक्ति को मैराथन के लिए तैयार करने जैसा है’
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