राज्यसभा में बुधवार को हुए हंगामे के बाद कांग्रेस सांसद भाजपा के निशाने पर आ गए हैं। रायपुर सांसद सुनील सोनी ने कहा कि कांग्रेस सांसदों के व्यवहार ने प्रदेश को शर्मिंदा कर दिया है। इनका हिंसक हंगामा लोकतंत्र की सबसे बड़ी पंचायत का अपमान है। देश में छत्तीसगढ़ की पहचान सबसे सभ्य और शालीन लोगों के राज्य में रूप में है। कांग्रेस सांसद छाया वर्मा और फूलोदेवी नेताम का व्यवहार माफ करने लायक नहीं है।
रायपुर स्थित भाजपा कार्यालय में सांसद सोनी ने मीडिया से कहा, कांग्रेस की महिला सांसदों ने असामाजिक तत्वों की तरह व्यवहार किया। झूठ बोला कि उन्होंने कुछ नहीं किया। जबकि हंगामे के वक्त सुरक्षा का जिम्मा संभाल रही महिला मार्शल अक्षिता भट्ट ने बताया कि सांसद छाया वर्मा और फूलोदेवी नेताम ने उसे घसीटा। पुरुष साथियों के साथ उसकी बांह खींची और उसे शारीरिक और बलपूर्वक बदसलूकी की गई। वास्तव में इन लोगों ने ऐसी हरकत की है कि इन्हें मुंह छिपाने की भी जगह नहीं मिलनी चाहिए।
राहुल गांधी विचार करें
सांसद सोनी ने कहा कि हमें कांग्रेस से न तो माफी की उम्मीद है, न ही वे शर्मिन्दा होंगे, लेकिन प्रदेश की जनता आहत है। लोकतंत्र को लेकर बड़ी-बड़ी बात करने वाले राहुल गांधी उस मार्शल के परिवार से जाकर पूछें, जिससे कांग्रेस के नेता बदसलूकी कर रहे थे। राहुल जाकर देखें कि उसका परिवार कितना दुखी है। परिवार के लोग नेशनल टेलीविजन पर देख रहे होंगे कि कैसे महिला सांसद कॉलर पकड़ रही हैं। भारत दुनिया को संस्कार देता है, पर छाया वर्मा और फूलोदेवी नेताम ने जो व्यवहार किया उससे सवालिया निशान लग चुका है।
भाजपा के लोग महिला विरोधी
इसके बाद सांसद छाया वर्मा का बयान भी सामने आया है। छाया वर्मा ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो बयान दे रहे हैं, वो कोई राज्यसभा के सदस्य तो हैं नहीं। वो भाजपा के लोग हैं। भाजपा के लोगों की मानसिकता हमेशा से महिला विरोधी रही है। इनका नारा है ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ।’ देश छोड़िए संसद के अंदर महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। संसद में भाजपा चाहती है कि उनकी मर्जी के कानून पास कर दिए जाएं। हमारी राय या विचार का कोई मोल नहीं। जो कुछ भी संसद में हुआ उसके लिए भाजपा और भाजपा की सरकार जिम्मेदार है।
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