कोलंबो. श्रीलंकाई टीम ने तीसरे टी20 में भारत को 7 विकेट से हराकर तीन मैचों की टी20 सीरीज 2-1 से जीत ली. कोलंबो के आर प्रेमदासा स्टेडियम में मेजबान टीम के गेंदबाजों ने भारत की अनुभवहीन बल्लेबाजी की बखिया उधेड़कर उसे 8 विकेट पर 81 रन ही बनाने दिए. इसके बाद श्रीलंका ने 14.3 ओवर में तीन विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया. मेजबान टीम के लेग स्पिनर वानिंदु हसरंगा (Wanindu Hasaranga) ने अपने जन्मदिन पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और 9 रन देकर 4 विकेट झटके.
भारत का भाग्य केवल टॉस ने दिया लेकिन पहले बल्लेबाजी का उसका फैसला सही नहीं रहा. भारत के केवल तीन बल्लेबाज दोहरे अंक में पहुंचे जिनमें सातवें नंबर पर उतरे कुलदीप यादव ने सर्वाधिक नाबाद 23 रन बनाए. कुलदीप 11 ओवर तक क्रीज पर जमे रहे जिससे भारत पूरे 20 ओवर खेलने और अपने न्यूनतम स्कोर (74 रन, बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2008) को पार करने में सफल रहा. भारत का यह पूरे 20 ओवर खेलने के बाद टी20 में न्यूनतम स्कोर है. भारत की तरफ से केवल चार चौके लगे.
इसके बाद श्रीलंका के तीनों ही विकेट स्पिनर राहुल चाहर ने हासिल किए. 82 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका को पहला झटका अविष्का फर्नांडो (12) के रूप में लगा जिन्हें राहुल चाहर ने अपनी ही गेंद पर लपक लिया. इसके बाद ओपनर मिनोद भानुका (18) भी राहुल का ही शिकार बने जब पारी के 8वें ओवर की अंतिम गेंद पर lbw आउट होकर पैवेलियन लौटे. सदीरा समरविक्रमा (6) को राहुल चाहर ने बोल्ड किया. पिछले मैच की हीरो धनंजय डि सिल्वा 23 रन बनाकर नाबाद लौटे जबकि हसरंगा ने नाबाद 14 रन का योगदान दिया.
इससे पहले भारतीय टीम की बल्लेबाजी पूरी तरह फ्लॉप रही और अनुभवहीनता साफ नजर आई. पिच से स्पिनरों को मदद मिल रही थी और बल्लेबाजों के पास हसरंगा की बलखाती गेंदों का कोई जवाब नहीं था जिन्होंने नौ रन देकर चार विकेट लिए. कप्तान दासुन शनाका (20 रन देकर दो) ने दो जबकि दुशमंत चमीरा और रमेश मेंडिस ने एक-एक विकेट लिया. क्रुणाल पंड्या के कोविड पॉजिटिव पाए जाने के बाद उनके संपर्क में आने वाले आठ खिलाड़ी भी अलग थलग कर दिये गये थे. भारत के पास ऐसे में केवल पांच विशेषज्ञ बल्लेबाज बचे थे जो अपनी जिम्मेदारी सही ढंग से नहीं निभा पाए.
भारत के ये पांचों विशेषज्ञ बल्लेबाज 36 रन के अंदर पैवेलियन में विराजमान थे. कप्तान शिखर धवन (शून्य) ने पहले ओवर में स्लिप में कैच दिया. इसके बाद श्रीलंका के स्पिनर हावी हो गए. ऑफ स्पिनर रमेश मेंडिस ने देवदत्त पडिक्कल (9) को lbw आउट किया जबकि हसरंगा ने संजू सैमसन (0) और ओपनर ऋतुराज गायकवाड़ (14) को गच्चा दिया. भारत का स्कोर पांच ओवर के बाद चार विकेट पर 25 रन हो गया.
भुवनेश्वर कुमार (16) को पावरप्ले में क्रीज पर कदम रखना पड़ा लेकिन एकमात्र बचे विशेषज्ञ बल्लेबाज नीतीश राणा (छह) भी मौके का फायदा नहीं उठा पाए. दासुन शनाका की गेंद मिडविकेट पर खेलने के प्रयास में उन्होंने वापस कैच दे दिया. भारत 14वें ओवर में 50 रन पर पहुंचा जिसके बाद शनाका ने भुवनेश्वर का भी बेहतरीन कैच लेकर हसरंगा को तीसरा विकेट दिलाया. भुवनेश्वर ने 32 गेंदें खेली तथा कोई चौका नहीं लगाया जो कि भारतीय रिकॉर्ड है. हसरंगा ने वरूण चक्रवर्ती के रूप में चौथा विकेट लिया और इस तरह से अपने जन्मदिन पर सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन करने का नया रिकॉर्ड बनाया.
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