रायपुर : मानसून सत्र के तीसरे छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज विपक्ष ने प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के सदन से छोडक़र जाने एवं सिंहदेव व विधायक बृहस्पत सिंह के मामले में जमकर हंगामा किया, जिसके कारण प्रश्रकाल चल नहीं पाया और सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
प्रश्रकाल की कार्यवाही शुरू होते ही आज सबसे पहले आसंदी से विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत व्यवस्था देते हुए कहा कि मंत्री टीएस सिंहदेव के सदन में दिये गये बयान को सोशल मीडिया पर वायरल होने के मामले में कहा कि यह सदन की अवमानना है।
उन्होंने कहा कि मंत्रियों, नेता प्रतिपक्ष के कमरे में लगी टीवी सुविधा के लिए है। कल सदन की कार्यवाही की रिकोर्डिंग कर सोशल मीडिया पर वायरल करना अनुचित है। डा. महंत ने सदस्यों से कहा कि भविष्य में इस तरह से कोई रिकार्डिंग वायरल न हो इसका ध्यान रखें।
विधानसभा अध्यक्ष की व्यवस्था देने पर विपक्ष के सदस्यों ने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो इस पर भी सदन में चर्चा होनी चाहिए और इसकी जांच की भी मांग की।
इसके बाद जैसे ही प्रश्रकाल की कार्यवाही आगे बढ़ पाती उससे पहले ही भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने मंत्री टीएस सिंहदेव के सदन छोडक़र जाने के मामला उठाते हुए कहा कि इस सदन का वर्तमान में कोई अस्तित्व ही नहीं है क्योंकि जब एक मंत्री ही अपनी सरकार पर अविश्वास व्यक्त कर रहा है।
उन्होंने कहा कि ये भी एक विशेषाधिकार हनन है कि एक मंत्री सदन छोडक़र चला जाये। उन्होंने कहा कि जब सदन में सरकार ही नहीं है तो फिर इस सदन में चर्चा कैसे होगी। इस मुद्दे पर भाजपा के अन्य सदस्यों ने भी बातें रखी।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष डा. महंत ने कहा इतनी कम संख्या में सदन में विपक्ष की मजबूत भूमिका की देशभर में चर्चा है। मैं चाहता हूँ सदन में सौहार्दपूर्ण वातावरण बने रहे। संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि विपक्ष मुद्दों पर बात करने से भागता है और जो मुद्दे नहीं है उस पर हंगामा करता है।
इस पर भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मंत्री का ऐसे सदन से जाना भी विशेषाधिकार का हनन है वो मंत्रिमंडल में है या नहीं ये स्थिति सरकार को स्पष्ट करना चाहिए। भाजपा सदस्यों ने जानना चाहा कि क्या मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है।
इस पर व्यवस्था देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी भी सदन छोड़ कर गए थे। इस पर भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि वो सदन छोड़ कर नहीं बल्कि इस्तीफा देकर गए थे। विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्री श्री सिंहदेव के सदन में कहीं बातों को याद दिलाते हुए कहा है कि जब तक सरकार का जवाब नहीं आता तब तक सदन में नहीं आने की बात उन्होंने कही है।
इसके बाद नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा सहित अन्य भाजपा सदस्यों के अलावा जनता कांग्रेस के विधायक धर्मजीत सिंह ने भी सदन में मंत्री के उपस्थित नहीं होने की वजह पूछते हुए कहा कि मंत्री सिंहदेव एवं विधायक बृहस्पत सिंह के मामले में सरकार का बयान आना चाहिए और इस मामले की जांच सदन की समिति से कराया जाना चाहिए।
इस मुद्दे पर विपक्ष द्वारा किये गये हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही पहले 5 मिनट के लिए और पुन: कार्यवाही शुरू होने के बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई। इस तरह हंगामे के दौरान आज प्रश्रकाल पूरी तरह बाधित रहा।
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