देश -विदेशवायरलस्लाइडर

इस स्‍टेशन पर शाम ढलने के बाद कोई नहीं जाता… डर के कारण 40 साल रहा बंद…

इस रहस्यमयी स्थान का नाम है बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन. यह रेलवे स्टेशन पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में है. संथाल की रानी लाचन कुमारी के प्रयासों से वर्ष 1960 में यह रेलवे स्टेशन खोला गया था. शुरुआत में यहां सब ठीक रहा लेकिन करीब 7 साल बाद एक कर्मचारी ने रेलवे स्टेशन पर महिला का भूत देखने का दावा किया.

उस रेलवे कर्मचारी ने अगले दूसरे साथियों को इस बारे में बताया. उसकी इस बात का कुछ और लोगों ने भी सपोर्ट किया. उन्होंने कहा कि एक महिला रेल से कटकर मर गई थी. तब से उसका भूत रेलवे स्टेशन पर भटक रहा है. हालांकि रेलवे के अफसरों ने उनकी बातों को अनदेखा कर दिया.

कुछ समय बाद बेगुनकोडोर के स्टेशन मास्टर और उनका परिवार रेलवे क्वार्टर में मृत अवस्था में पाया गया. उनकी मौत कैसे हुई, ये कोई नहीं जान पाया. कुछ अर्से बाद रेलवे ने दूसरे स्टेशन मास्टर को भेजा लेकिन वह भी सही ढंग से रह नहीं पाया. लोगों का दावा था कि पिछले स्टेशन मास्टर और उसके परिवार की मौतों में उसी भूत का हाथ था.

इस घटना से दहशत में आए लोगों का कहना था कि शाम होने के बाद जब भी कोई ट्रेन यहां से गुजरती थी तो महिला का भूत उसके साथ-साथ दौड़ने लगता था. कई बार तो वह भूत ट्रेन से भी तेज दौड़कर उसके आगे निकल जाता था. कई लोगों का दावा था कि उन्होंने एक महिला के भूत को ट्रेन के आगे पटरियों पर नाचते हुए भी देखा था.

कहा जाता है कि उस वक्त जब भी कोई ट्रेन इस स्टेशन से गुजरती थी तो लोको पायलट स्टेशन आने से पहले ही ट्रेन की गति बढ़ा देते थे. जिससे वे जल्द से जल्द इस स्टेशन को पार कर सकें. यहां तक कि ट्रेन में बैठे लोग स्टेशन आने से पहले ही खिड़की-दरवाजे सब बंद कर लेते थे. जब स्टेशन गुजर जाता था तो उनकी जान में जान आती थी.

लोगों के अंदर महिला के भूत का खौफ इतना बढ़ा कि वे इस स्टेशन पर आने से कतराने लगे. धीरे-धीरे यहां लोगों का वहां आना-जाना बंद हो गया. यहां तक कि स्टेशन पर काम करने वाले रेलवे कर्मचारी भी डर के मारे भाग गए. डर की वजह से न तो कोई यात्री वहां उतरना चाहता था और न ही कोई इस स्टेशन पर ट्रेन में चढ़ने के लिए ही आता था. इसके बाद से पूरा का पूरा स्टेशन सूनसान हो गया. आखिरकार इस स्टेशन पर ट्रेनों का रुकना भी बंद हो गया.

Back to top button

Notice: ob_end_flush(): failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/gaganmittal/public_html/wp-includes/functions.php on line 5471