कोरोना में जिन महिलाओं ने अपने पति को खोया है, उन्हें सामाजिक सुरक्षा की विभिन्न योजनाओं का लाभ देने की तैयारी चल रही है। इन महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा का लाभ देने के साथ हर माह राशन दिया जाएगा। राशन लेने के लिए उन्हें डीलरों के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। आंगनबाड़ी केंद्रों से उनके घर राशन पहुंचाया जाएगा। जिन महिलाओं के पास राशन कार्ड नहीं होगा, उनका राशन कार्ड भी बनाया जाएगा।
रांची के उप विकास आयुक्त ने इसका निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया है और जल्द ही योजनाओं का लाभ देने को कहा गया है। इस काम में जिला विधिक सेवा प्राधिकार का भी सहयोग लिया जाएगा। सरकार की इस योजना का लाभ उन परिवारों को मिलेगा, जिनके कमाने वाले सदस्य की मौत हो गई है। जिन बच्चों के मां-पिता दोनों की मृत्यु हो गई है, उन्हें भी कई योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
उप विकास आयुक्त ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को ऐसे लोगों को चिन्हित कर योजना का लाभ जल्द देने का निर्देश दिया है। वैसे बच्चों को चिन्हित करने को कहा है, जिनके मां-पिता दोनों की मौत हो गई है। इन बच्चों का स्कूल में नामांकन, हॉस्टल में रहने के इंतजाम और छात्रवृत्ति योजना से जोड़ने का निर्देश दिया है।
सरकार की स्पॉसरशिप योजना का लाभ ऐसे बच्चों को देने के लिए सभी प्रक्रिया जल्द पूरी करने को कहा गया है। यदि कोई रिश्तेदार या दूसरा व्यक्ति स्पॉसरशिप योजना के तहत बच्चों को अपनाना चाहता है तो उसके लिए सभी प्रक्रिया पूरी कर बच्चों की मॉनिटरिंग करने का भी निर्देश दिया गया है।
प्रोजेक्ट शिशु के तहत बच्चों को प्रखंड और पंचायत में रखने की घोषणा
कोरोना से अपने माता- पिता और अभिभावकों को खोने वाले बच्चों के लिए मुख्यमंत्री ने एक योजना की घोषणा की है। प्रोजेक्ट शिशु के तहत ऐसे अनाथ बच्चों के संपूर्ण विकास और पुनर्वास के लिए और बच्चों को पूरी तरह घर का माहौल मिले और वह खुद को सहज महसूस करे, इसके लिए तैयारी की जा रही है। सरकार एक ऐसी योजना तैयार करने जा रही है, जिसके तहत बच्चों के उन्हीं के गांव, पंचायत या प्रखंड के किसी विधवा या विधुर को सौंप कर उनकी देखभाल कराएगी। बच्चों की परवरिश, शिक्षा, चिकित्सा और सभी खर्च सरकार वहन करेगी। बच्चों को रखने वाले विधवा और विधुर को सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। जल्द ही यह योजना शुरू होगी।
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