नई दिल्ली : इस साल 2 मई को पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए गए थे. ममता बनर्जी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनी, लेकिन चुनावी नतीजे आने बाद जिस तरह से बंगाल में हिंसा भड़की उसने हर किसी को शर्मसार कर दिया. बीजेपी ने TMC पर रेप और हत्या के आरोप लगाए. मामला अब कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंच चुका है.
महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की आपबीती पढ़ कर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. 60 साल की एक महिला ने आरोप लगाया है कि बलात्कार के बाद उसे जहर दे दिया गया. ज़िदगी और मौत के बीच तड़पने वाली ये महिला अब कोलकाता आ गई हैं. उन्होंने हाई कोर्ट में अपना बयान दर्ज करवाया है, लेकिन पूर्वी मेदिनीपुर के एक गांव में रहने वाली ये महिला इतनी ज्यादा डर गई हैं कि वो अब अपना घर लौटना नहीं चाहती.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक महिला ने अपने बयान में कहा है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के दो दिन बाद 4-5 मई की रात को तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने कथित रूप से उनके घर के अंदर हमला कर दिया. एक कार्यकर्ता ने उनके साथ बलात्कार किया. इसके बाद उन्हें जबरदस्ती जहर दिया गया. ये उनके पांच साल के नाती के सामने हो रहा था. एक महीने तक वो अस्पताल में भर्ती रहीं.
दवाब डालने का आरोप
पूर्वी मेदिनीपुर में उनके परिवार के लोगों का कहना है कि वे भाजपा समर्थक हैं. उनका कहना है कि उनके पास डेढ़ बीघा जमीन है, लेकिन वो खेती करने से डर रहे हैं. दरअसल उन पर कुछ अज्ञात लोग बलात्कार का केस वापस लेने का दबाव डाल रहे हैं. हालांकि उन्होंने ये माना कि चार आरोपियों में से तीन उनके रिश्तेदार हैं,जिनके साथ उनका ज़मीन विवाद है, लेकिन उन्होंने कहा कि वे टीएमसी के समर्थक हैं.
हाईकोर्ट पहुंचा मामला
बीजीपी इस मामले को लगातार उठा रही है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के कहने पर जांच के आदेश दिए हैं. NHRC ने ममता बनर्जी सरकार पर हिंसा को अनियंत्रित जारी रखने का आरोप लगाया है. NHRC के सदस्यों ने अपने दौरे के दौरान महिला और उसके परिवार से मुलाकात की थी. TMC ने आरोपों को गलत बताया है. टीएमसी ने महिला को मानसिक रूप से अस्वस्थ कहा है. साथ ही कहा है कि बीजेपी जानबूझ कर झूठा आरोप लगा रही है.
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