नासिक. नासिक (Nashik) के एक युवक-युवती शादी करना चाहते थे. वे दो दिलों, दो परिवारों के साथ ही दो धर्मों को भी एक करना चाहते थे, लेकिन उनके शादी के कार्ड (Wedding Card) ने उनका यह सपना तोड़ दिया. दरअसल पिछले हफ्ते नासिक के रहने वाले परिवार की 28 साल की लड़की की शादी उसके मुस्लिम दोस्त से हिंदू रीति रिवाज से होनी थी, लेकिन लड़की के रिश्तेदारों ने उसकी शादी का कार्ड देखकर इसका विरोध किया. उन्होंने इसे लव जिहाद (Love Jihad) नाम दिया. इसके बाद परिवार को शादी का आयोजन रद करना पड़ा.
हालांकि इतना सब होने के बाद भी उनकी कहानी यहीं खत्म नहीं हुई. लड़की के परिवार ने शादी का आयोजन रद होने के बाद भी उसकी पसंद का समर्थन करने की ठानी. परिवार के अनुसार इस मामले में जबरन शादी जैसा कुछ नहीं है. दोनों की शादी पहले ही स्थानीय कोर्ट में रजिस्टर हो चुकी है.
दुल्हन रसिका के पिता प्रसाद अडगांवकर जौहरी का काम करते हैं. उन्होंने बताया कि रसिका दिव्यांग है और इस कारण परिवार को उसके लिए अच्छा लड़का देखने में परेशानी आ रही थी. हाल ही में रसिका और उसके साथ पढ़ने वाले उसके दोस्त आसिफ खान ने अपनी रजामंदी से शादी करने का फैसला किया था. दोनों के परिवार एक दूसरे को काफी साल से जानते थे, ऐसे में दोनों परिवार शादी के लिए राजी हो गए.
पिता ने बताया कि मई में दोनों की शादी नासिक कोर्ट में दोनों परिवारों की मौजूदगी में रजिस्टर्ड हुई थी. दोनों परिवार 18 जुलाई को रीति रिवाज से शादी करने को राजी भी थे. यह आयोजन नासिक के एक होटल में करीबी रिश्तेदारों की मौजूदगी में होना था.
लेकिन इससे पहले ही शादी का कार्ड तमाम वाट्सएप ग्रुप में सर्कुलेट हो गया. इसके बाद उनके पास आयोजन को रद करने के लिए फोन कॉल, मैसेज आने लगे. लोग उनसे इसका विरोध कर रहे थे.
9 जुलाई को उन्हें लोगों ने मिलने के लिए बुलाया. वहां उनसे कहा गया कि वह इस आयोजन को रद कर दें. परिवार के एक सदस्य ने बताया कि हमारे समुदाय और अन्य लोगों की ओर से हम पर दबाव बनाया जाने लगा. इसके बाद हमने शादी का आयोजन रद करने का फैसला किया.
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