छत्तीसगढ़स्लाइडर

नक्सली कहर, 11 लोगों को गांव छोडऩे मजबूर होना पड़ा

जगदलपुर। नक्सली धमकी के चलते एक परिवार के 11 सदस्य गांव छोडऩे पर मजबूर हो गए। नक्सलियों ने यह भी धमकी दी थी कि यदि उनके द्वारा गांव नहीं छोड़ा गया तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाएगा।
नारायणपुर के कलमानार गांव में रहने वाले भंडारी परिवार का बड़ा पुत्र अनिप ग्राम पंच के रूप में मुख्यालय आना-जाना करता है। इससे मुख्यालय में स्थित शासकीय वर्ग से उसका मिलना होता रहता था। नक्सलियों को यही बात पसंद नहीं आई और उन्होंने उस पर पुलिस के लिए काम करने का आरोप लगाते हुए परिवार के 11 सदस्यों को गांव छोडऩे का आदेश सुना दिया। वर्तमान में परिवार के यह सभी सदस्य मुख्यालय के पास में स्थित एक गांव में शरण लिये हुए हैं।


यहां यह बताना जरूरी है कि पीडि़त परिवार को नक्सलियों ने अनिप पर पुलिस के लिए काम करने व स्वयं पुलिस में भर्ती होने के बारे में संदेह करते हुए विगत 27 फरवरी की रात को गांव पहुंचकर पूरे परिवार के साथ गांव के ग्रामीणों को बुलाकर यह चेतावनी दी थी। साथ ही अनिप को मौत की सजा भी सुनाई गई थी। परिवार के सभी लोगों को दो दिन के अंदर गांव छोडऩे का फरमान भी सुनाया गया था। ऐसा न करने पर पूरे परिवार के सदस्यों को मौत के घाट उतारने का निर्देश भी दिया गया है। नारायणपुर एसपी जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि कलमानार गांव के एक ही परिवार के सदस्यों ने गांव छोड़ा है। उनकी शिकायत दर्ज कर ली गयी है और उन्हें राहत कोष से शासन द्वारा प्रदत्त सुविधाएं मुहैया करवाने कलेेक्टर को पत्र लिखा गया है।

Back to top button