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दो से अधिक बच्चे तो नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी… पढ़िए नई जनसंख्या नीति का पूरा मसौदा…

लखनऊ. वर्ल्ड जनसंख्या दिवस (World Population Day) के मौके पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) रविवार को 2021-2030 के लिए प्रदेश की नई जनसंख्या नीति (New Population Policy) लेकर आ रही है. वैसे तो नई जनसंख्या नीति का मसौदा राज्य विधि आयोग की वेबसाइट पर पहले अपलोड किया जा चुका है और 19 जुलाई तक लोग अपने सुझाव भेज सकते हैं.

लेकिन इन सब के बीच योगी सरकार की नई जनसंख्या नीति को लेकर सियासी घमासान भी मचा हुआ है. 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले योगी सरकार की इस पहल को जहां बीजेपी के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है तो वहीं, विपक्ष के लिए यह न तो निगलते बन रहा है और न ही उगलते। इतना ही नहीं टीवी चैनल्स से लेकर सोशल मीडिया तक नई जनसंख्या नीति को लेकर बहस भी छिड़ी हुई है.

योगी सरकार ने नई जनसंख्या नीति का जो मसौदा तैयार किया है अगर यह अधिनियमित हो जाता है तो यह प्रस्तावित कानून गजट प्रकाशित होने के एक साल बाद लागू हो जाएगा. यानी 2022 से प्रदेश में 2030 तक के लिए नई जनसंख्या नीति लागू रहेगी. सरकार द्वारा तैयार मसौदे में जनसंख्या नियंत्रण में मदद करने वालों को प्रोत्साहन देने का प्रावधान तो है ही, साथ ही इसे न मानने वालों के लिए कई सुविधाओं से वंचित करने का भी प्रावधान है.

नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, स्थानीय चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे
राज्य विधि आयोग द्वारा तैयार नई जनसंख्या नीति के मुताबिक प्रदेश में जिन लोगों को दो से अधिक बच्चे होंगे वे सरकारी नौकरी के लिए अपात्र माने जाएंगे. साथ ही ऐसे लोगों को न तो पदोन्नति मिलेगी और न ही किसी तरह की सब्सिडी. इतना ही नहीं ऐसे लोग स्थानीय चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे. मसौदे के मुताबिक दो से अधिक बच्चे वाले अभिभावक 77 तरह की सरकारी योजनाओं व अनुदान का लाभ नहीं ले सकेंगे.

इस विधेयक के प्रभाव में आने के एक साल के भीतर सभी सरकारी कर्मियों व स्थानीय निकाय में चुने गए जनप्रतिनिधियों एक शपथ पत्र देना होगा. शपथ पत्र के बाद भी अगर वे तीसरी संतान पैदा करते हैं तो प्रतिनिधि का निर्वाचन रद्द करने का प्रस्ताव भी मसौदे में है. सरकारी कर्मचारियों के लिए प्रमोशन रद्द करने और सेवा समेत करने तक का प्रस्ताव दिया गया है.

दो बच्चों वाले सरकारी कर्मियों को मिलेगा यह लाभ
नई जनसंख्या नीति के मसौदे के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार के उन कर्मचारियों को प्रमोशन, वेतन वृद्धि, आवास योजनाओं में रियायतें और अन्य भत्ते देगी जो जनसंख्या नियंत्रण मानदंडों का पालन करेंगे या जिनके दो या उससे कम बच्चे हैं. दो संतानों के मानदंड को अपनाने वाले सरकारी कर्मचारियों को पूरी सेवा के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि, पूरे वेतन और भत्तों के साथ 12 महीने का मातृत्व या पितृत्व अवकाश और राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत नियोक्ता अंशदान कोष में तीन प्रतिशत की वृद्धि मिलेगी.

प्राइवेट क्षेत्र वालों को मिलेगा ये लाभ
दो बच्चे पैदा करने वाले वैसे लोग जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं, उन्हें भी पानी, बिजली, हाउस टैक्स, होम लोन में छूट व अन्य सुविधाएं देने का प्रस्ताव है. सभी माध्यमिक स्कूलों में जनसंख्या नियंत्रण से जुड़े विषय को पढ़ाने का भी प्रस्ताव है.

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